लखनऊ के बाजारखाला में कुछ लड़कों द्वारा तिरंगा झंडा जलाते हुए टिक-टॉक (TikTok) वीडियो बनाने का मामला सामने आया है। बताया गया है कि ये चारों रविवार (जून 21, 2020) की देर शाम वीडियो बनाते हुए देश के राष्ट्रीय ध्वज को जला रहे थे और जब लोगों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उलटा लोगों पर ही हमला कर दिया।
चारों आरोपित तिरंगा झंडा जलाने के साथ-साथ देश विरोधी नारेबाजी भी कर रहे थे। वहाँ से गुजर रहे दो सजग नागरिकों ने इस कृत्य का विरोध किया। इस पर चारों उग्र हो गए और उन्होंने विरोध करने वाले दोनों युवकों पर हमला बोल दिया। जब वहाँ से गुजर रहे कुछ अन्य लोगों ने इस घटना को देखा तो उन्होंने बीच-बचाव किया।
इस दौरान लोगों ने एक आरोपित को खदेड़ कर पकड़ लिया। उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। चूँकि आरोपित नाबालिग है, उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है। उसके तीन साथी भागने में कामयाब रहे हैं। वो अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।
‘हिंदुस्तान’ की ख़बर के अनुसार, बाजारखाला इंस्पेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि राजाजीपुरम निवासी रविकांत शाम को टिकैत राय तालाब कॉलोनी के अंदर साइकलिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि चार लड़के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे झंडे को जला रहे हैं।
रविकांत ने इन लोगों को ऐसा करने से मना किया तो वे लोग मारपीट पर उतर आए। इसी समय रूपेश गुप्ता नामक सजग नागरिक रविकांत की मदद के लिए आगे आए लेकिन बदमाशों ने उन पर भी हमला बोल दिया।
फिर कुछ और लोगों की मदद से एक आरोपित को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया। आरोपित की उम्र 15 साल है। सभी बदमाशों का इरादा था कि वो टिक-टॉक पर तिरंगा झंडा जलाते हुए वीडियो बना कर वायरल करें।
इस घटना के बाद कई स्थानीय नेता आरोपित को छुड़ाने थाने भी पहुँचे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपित समाजवादी पार्टी के एक पूर्व नेता का भतीजा है। लेकिन, ऑपइंडिया से बातचीत में पुलिस ने इस बात को नकार दिया। रविकांत की शिकायत के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
Tiktok में तिरंगा जलाते हुए पकड़े गए इन लोगो को आप समझ चुके होंगे कौन लोग है कौन से विचारधारा से होंगे।क्या ए भी जलाने की आजादी की श्रेणी में आएगा ?? सरकार को इनके साथ सख्त रवैया अपनाना चाहिये कि दोबारा ऐसी गलती करने की हिम्मत ना हो ।। pic.twitter.com/TV970XTwz2
— Vikram (अवधवासी)🇮🇳 (@singhvikram5321) June 22, 2020
आरोपित के पकड़े जाने के बाद इलाक़े में तनाव भड़क गया था क्योंकि मामला दो समुदायों के बीच का बना दिया गया था। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस ने सांप्रदायिक तनाव रोकने के लिए व्यवस्था की। वहाँ अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। ‘न्यूज़ 18’ के अनुसार, इंस्पेक्टर बृजेन्द्र सिंह ने बताया कि तीनों फरार आरोपितों के बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई है और उनकी तलाश तेज़ कर दी गई है।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 124(A), 153(A), 504, 505(1)(B)(2), 352, 325, 506 और राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 2 के तहत मामला दर्ज किया है। काफ़ी तादाद में थाने पहुँचे समुदाय विशेष के लोगों ने पुलिस पर दबाव बनाया कि वो आरोपित को छोड़ दें। उक्त नाबालिग आरोपित ने ही पूछताछ के दौरान पुलिस को अपने तीन अन्य साथियों के बारे में सूचना दी।
TikTok तिरंगा वीडियो मामले के आरोपित का सपा नेता से कोई रिश्ता नहीं: पुलिस
जब ऑपइंडिया ने पुलिस से बात की तो उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार आरोपित का समाजवादी पार्टी के किसी नेता से कोई ताल्लुक नहीं है। पुलिस ने ऑपइंडिया से बात करते हुए उन मीडिया रिपोर्ट्स को नकार दिया, जिसमें आरोपित को समाजवादी पार्टी के नेता का भतीजा या रिश्तेदार बताया जा रहा था। हालाँकि, पुलिस ने अन्य आरोपितों के नामों का भी खुलासा नहीं किया है।
हाल ही में TikTok का इस्तेमाल इस्लामी और देशविरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए किए जाने के कई मामले सामने आए हैं। जिस तरह से यहाँ कामोत्तेजक वीडियो, अश्लील हरकतें, सेक्सिज्म, नारीद्वेष, पोर्न, किसी अन्य के कंटेंट का दुरूपयोग, मजहबी कट्टरता, झूठी सूचनाओं और घरेलू हिंसा को बढ़ावा दिया जाता है, कई लोगों ने इसे बैन करने की भी माँग की है। लोगों ने इसकी रेटिंग भी गिराई थी, जिससे गूगल ने रिस्टोर कर दिया था।