एक अनपढ़ आदमी बैंक की तकनीक को चकमा देकर चोरियाँ कर रहा था। लेकिन शातिर इतना कि वह हर ATM को निशाना बनाने के बजाए सिर्फ केनरा बैंक के ATM पर ही हाथ साफ करता था। इसका कारण इसकी एक खास खामी उसे समझ आ गई थी।
यह गैंग ATM से चोरी के लिए सिर्फ केनरा बैंक को ही टारगेट करते थे। केनरा बैंक के ATM डि-बोल्ट कंपनी के द्वारा बनाए गए हैं और इसकी खास कमी को यह गैंग समझ गया था। पुलिस ने केनरा बैंक के ऐसे 9000 ATM की बदलने या उसमें सुधार करने का संदेश बैंक मैनेजमेंट को भेज दिया है।
सूरत पुलिस ने गिरफ्तार आरोपित हनीफ सैयद और औसाफ हसन मोहम्मद सैयद से पूछताछ के आधार पर बताया कि ये ATM मशीन में क्लोन किए गए कार्ड को डालते थे और तकनीकी खामी के चलते जैसे ही मशीन से रुपए बाहर आते थे, नकली चाबी से मशीन का डिस्प्ले खोल कर उसे ऑफ-ऑन कर देते थे। इससे मशीन रिस्टार्ट हो जाती थी। रुपए तो निकल जाते थे लेकिन उसकी एंट्री नहीं होती थी।
इतना ही नहीं, इसके बाद ये बैंक को फोन करके यह भी बताते थे कि रुपए अकाउंट से कट गए हैं लेकिन पैसे ATM से बाहर नहीं आए। बैंक भी एंट्री देख कर पैसे वापस अकाउंट में डाल देती थी।
आरोपित हनीफ सैयद और औसाफ हसन मोहम्मद सैयद को सूरत से गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक 6ठी और दूसरा तीसरी क्लास तक पढ़ा है। जबकि इस तरह की खास ATM चोरी का मास्टरमाइंड साजिद बिल्कुल ही अनपढ़ है। तीन सगे भाइयों साजिद खान, इरफान खान और जहीर खान को सूरत पुलिस इस मामले में खोज रही है।
सूरत पुलिस ने बताया कि ये सभी आरोपित मेवाती गिरोह के सदस्य हैं। आपको बता दें कि मेवाती गिरोह देशभर में फ्रॉड और चोरी के लिए कुख्यात है।