Tuesday, November 19, 2024
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अनिल देशमुख के वकील और अपने अफसर को CBI ने किया गिरफ्तार, ‘₹100 करोड़’ की वसूली पर गृह मंत्री पद से देना पड़ा था इस्तीफा

देशमुख के वकील डागा के अलावा सीबीआई ने अपने ही एक ऑफिस को भी अरेस्ट किया है। उस पर आरोप है कि वो देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जाँच को प्रभावित करने के लिए रिश्वत ले रहा था।

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े ‘100 करोड़ रुपए के वसूली’ मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने देशमुख के वकील आनंद डागा को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि वकील पर देशमुख के खिलाफ जारी जाँच को बाधित करने का आरोप है।

देशमुख के वकील डागा के अलावा सीबीआई ने अपने ही एक ऑफिसर को भी अरेस्ट किया है। उस पर आरोप है कि वो देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जाँच को प्रभावित करने के लिए रिश्वत ले रहा था।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीबीआई ने बताया, कि डागा को मुंबई से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है जहाँ उनको सीबीआई सब-इंसपेक्टर अभिषेक तिवारी के साथ सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा, “सीबीआई ने अपने एक सब-इंस्पेक्टर, नागपुर के वकील और अन्य लोगों के खिलाफ अवैध परितोषण सहित कुछ आरोपों में मामला दर्ज किया है। उक्त मामले की जाँच के दौरान सीबीआई ने आज सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। उक्त अधिवक्ता से पूछताछ की जा रही है। इलाहाबाद और दिल्ली में तलाशी ली गई है।”

उल्लेखनीय है कि ये मामला सीबीआई की संबंधित रिपोर्ट लीक होने से जुड़ा है। देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने संबंधी प्राथमिक जाँच की रिपोर्ट शनिवार रात लीक हो गई थी। इसी के बाद सीबीआई ने रिपोर्ट के लीक होने की जाँच शुरू की और उनको पता चला कि देशमुख की टीम ने एजेंसी के एक उप निरीक्षक रैंक के अधिकारी को कथित तौर पर रिश्वत देकर उनके खिलाफ प्रारंभिक जाँच को प्रभावित करने की कोशिश की।

एक अधिकारी ने बताया, “अनिल देशमुख की टीम का प्रयास बॉम्‍बे हाईकोर्ट की अवमानना है। जिन्होंने निर्देश दिया था कि सभी संबंधितों को प्रारंभिक जाँच का संचालन करते समय सीबीआई के साथ पूरा सहयोग करना चाहिए। इस मामले में यह सामने आया है कि देशमुख की टीम ने जाँच को उलटने की कोशिश की। हालाँकि, उनके प्रयास सफल नहीं हो पाए क्योंकि सीबीआई में एक प्रक्रिया है जिसमें प्राथमिकी दर्ज करने से पहले रिकॉर्ड हुए साक्ष्य और कानूनी राय भी दर्ज की जाती है। वह ऊँचे पद पर बैठे लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते।”

बता दें कि इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने बुधवार (1 सितंबर) को देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी और वकील आनंद डागा से अपनी जाँच के संबंध में पूछताछ की थी। इसी के बाद केस के संबंध में मामला दर्ज करके ये गिरफ्तारी हुई। मालूम हो कि अनिल देशमुख से जुड़ा 100 करोड़ रुपए की वसूली का मामला वही केस है जिसके कारण देशमुख को अपना गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और उनके ख़िलाफ़ जाँच शुरू हुई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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