अखिल भारतीय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई की जाँच लगातार जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नित नए खुलासे हो रहे हैं। इसी क्रम में नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट और उनके बैंक रिकॉर्ड में मौजूद हस्ताक्षर का मिलान किया गया है।
नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट पर मिले फिंगर प्रिंट को भी मिलाया गया है। इस मामले में आनंद गिरि का लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराने की तैयारी सीबीआई कर रही है। इसके लिए जल्द ही कोर्ट से परमिशन लिया जाएगा। हालाँकि, इस मामले में अभी फॉरिंसिक जाँच की रिपोर्ट आनी बाकी है। जाँच एजेंसी ने उन लोगों की लिस्ट तैयार कर ली है, जो नरेंद्र गिरि से मिलते रहते थे। अब उनसे पूछताछ की जा रही है। उनसे मिलने वालों में कई राजनीतिक लोग और उनके परिवार के लोग भी शामिल हैं।
हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों से जाँच की माँग
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सचिव और जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने नरेंद्र गिरि की मौत की जाँच अपने स्तर पर कराने की तैयारी कर रहे हैं। उनका मानना है कि नरेंद्र गिरि सुसाइड नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि वो नरेंद्र गिरि को करीब 30 साल से जानते हैं। उन्होंने इस मामले की जाँच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों के पैनल से इस केस ही जाँच कराने की माँग की है।
5 अक्टूबर को बलबीर बनेंगे उत्तराधिकारी
महंत नरेंद्र गिरि के वसीयत को लेकर लंबे समय से विवाद जारी है। इसी क्रम में दिवंगत महंत की वसीयत के मुताबिक, बलबीर को 5 अक्टूबर को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया जाएगा। ऐसा होने के बाद वह बाघम्बरी गद्दी के महंत और बड़े हनुमान मंदिर के आचार्य बन जाएँगे। हालाँकि, निरंजनी अखाड़ा इसको लेकर नाखुश है। अखाड़े का मानना है कि संतों की संपत्ति उनकी व्यक्तिगत नहीं होती है, इसलिए इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
बता दें कि सोमवार (सितंबर 20, 2021) को महंत नरेंद्र गिरी मृत पाए गए थे। मगर उन्होंने आत्महत्या की थी या फिर यह कोई साजिश थी, अब तक इससे पर्दा नहीं उठ पाया है।