हाथरस मामले की जाँच कर रही केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) की टीम ने आज पीड़िता के भाइयों को फिर से समन जारी किया है। टीम ने कल पीड़िता के एक भाई से पूछताछ की थी। जिसके बाद टीम को उसके बयान में गड़बड़ी महसूस हुई। भाई को टीम द्वारा पूछताछ के लिए किसी दूर स्थान पर ले जाया गया था। कथित तौर पर उसे मौका-ए-वारदात यानी बाजरे के खेत में भी ले जाया गया और वारदात का नाट्य रूपांतरण करने के साथ-साथ मृतका के भाई से लंबी पूछताछ की गई। सीबीआई मृतका पीड़ित लड़की के तीनों भाइयों से पूछताछ करेगी।
सीबीआई टीम ने पीड़िता के पिता को भी दोबारा तलब किया है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार एसडीएम अंजलि गंगवार बताया, “हाथरस मामले में पुरुष सदस्यों से सीबीआई की टीम द्वारा स्थापित एक अस्थायी कार्यालय में पूछताछ की जाएगी और महिला सदस्यों से घर पर पूछताछ की जाएगी। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रक्रिया के दौरान वे परेशान न हों। सीबीआई मामले की जाँच कर रही है। उनके पास प्रक्रियाओं का अपना सेट है। परिवार को जाँच की प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं है।”
सीबीआई की टीम ने आज हाथरस जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड की भी जाँच की। साथ ही टीम ने अस्पताल प्रशासन से भी मामले में बातचीत की। बता दें पीड़िता का इलाज हाथरस जिला अस्पताल में किया जा रहा था।
CBI team investigating #Hathras alleged gangrape case inspects Emergency Ward of Hathras district hospital & interacts with hospital administration pic.twitter.com/oyjEFjhsxx
— ANI UP (@ANINewsUP) October 14, 2020
We have a system of CCTV footage backup only upto 7 days. Then, how is it possible to give anyone a month-old footage: Dr I B Singh, CMS, Hathras District Hospital on being asked whether hospital provided CBI team with the footage of #Hathras alleged gangrape victim being treated https://t.co/NmIvWCYzB2 pic.twitter.com/6ESeE1W0WB
— ANI UP (@ANINewsUP) October 14, 2020
डॉ. आईबी सिंह यह पूछे जाने पर कि क्या अस्पताल ने सीबीआई टीम को पीड़िता के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराए हैं तो उन्होंने कहा कि, यह संभव नहीं था। अस्पताल में मौजूद सीसीटीवी सिस्टम में केवल सात दिनों तक का बैकअप है, इसलिए एक महीने पुरानी फुटेज देना संभव नहीं था।
गौरतलब है कि आज हाथरस के कथित गैंगरेप और मौत मामले में यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है। अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थ्री लेयर की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पीड़िता के परिवार और गवाहों के संरक्षण के प्रयासों पर जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने सरकार को कहा था कि वो गवाहों की सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर डिटेल रिपोर्ट फाइल करें।