केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर (Harsh Mander) के एनजीओ ‘अमन बिरादरी’ के खिलाफ सीबीआई जाँच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि इस एनजीओ ने एफसीआरए कानून का उल्लंघन करते हुए विदेशी चंदा हासिल किया था। हर्ष मंदर पूर्व कॉन्ग्रेस सोनिया गाँधी का करीबी है। यूपीए सरकार के दौरान वह सलाहकार परिषद के सदस्य के तौर पर भी लंबे समय तक काम कर चुका है।
दरअसल, विदेशी फंडिंग लेने के लिए किसी भी एनजीओ को अनिवार्य रूप से एफसीआरए के तहत गृह मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। हालाँकि, हर्ष मंदर के एनजीओ ‘अमन बिरादरी’ के पास एफसीआरए का क्लियरेंस नहीं था। लेकिन इसके बाद भी यह एनजीओ विदेशों से फंडिंग लेता रहा। इसलिए, अब एफसीआरए क्लियरेंस के बिना ही विदेशों से आए फंड की जाँच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया है।
Ministry of Home Affairs (MHA) has recommended CBI inquiry against IAS-turned-social activist Harsh Mander’s Aman Biradari NGO for alleged FCRA violations: Govt Sources pic.twitter.com/ca9a8GyVzo
— ANI (@ANI) March 20, 2023
हर्ष मंदर के विवादित एनजीओ अमन बिरादरी की वेबसाइट के अनुसार, यह एनजीओ धर्मनिर्पेक्ष, शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण, और मानवीय दुनिया बनाने का काम कर रहा है। इसका लक्ष्य गाँव और जिला स्तर पर संगठनों की स्थापना करना है। इसमें मुख्य रूप से विभिन्न पृष्ठभूमि और धर्म के युवाओं और महिलाएँ शामिल हैं। वेबसाइट में आगे कहा गया है कि इन संगठनों का उद्देश्य विभिन्न धर्मों, जातियों और भाषाई समूहों के व्यक्तियों के बीच अधिक सहिष्णुता, बंधुत्व, सम्मान और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है।
बता दें कि इससे पहले अक्टूबर 2022 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एफसीआरए कानूनों के कथित उल्लंघन के आरोप में कॉन्ग्रेस नेता सोनिया गाँधी की अध्यक्षता वाले दो एनजीओ राजीव गाँधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था।
बता दें कि इससे पहले हर्ष मंदर का नाम नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर भी सामने आया था। तब हर्ष मंदर पर आरोप लगा था कि वह अपने एनजीओ में रहने वाले बच्चों का उपयोग CAA विरोधी आंदोलन में कर रहे हैं। इस मामले की जाँच करते हुए नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने दावा किया था कि हर्ष मंदर द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ से बच्चों को विरोध प्रदर्शनों में ले जाया जाता था। इसके अलावा उस पर मनी लॉन्ड्रिंग और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का आरोप भी लग चुका है।