Saturday, July 27, 2024
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जिस हर्ष मंदर पर बाल गृहों में गड़बड़ी के आरोप, पढ़ाई जा रही उसकी कहानी: NCERT को बाल आयोग का नोटिस, CAA में भड़काने का भी आरोप

इसमें बताया गया है कि कैसे ये कहानी आपात स्थितियों में सरकारी संस्थाओं को धता बताते हुए ये दिखाती है कि केवल NGO वगैरह ही काम आते हैं। साथ ही इसके कंटेंट्स नाबालिगों से जुड़े कानून का भी उल्लंघन करते हैं।

लोगों ने छात्रों को वामपंथी हर्ष मंदर की कहानी पढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई है, जिसके बाद NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) को नोटिस भी भेजा है। दूरदर्शन के पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने इस पर आपत्ति जताते हुए लिखा था, “9वीं क्लास के बच्चों को NCERT की किताबों में हर्ष मंदर की कहानी पढ़ाई जा रही है। ये वही हर्ष मंदर हैं जिन्होंने CAA पर झूठ बोल कर लोगों को भड़काया, दंगाइयों को बचाने के लिए झूठी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार की।

साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने हर्ष मंदर के बाल सुधार गृहों में घोटाले पकड़े थे। अपनी अगली ट्वीट में उन्होंने बताया, “बच्चों के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोपित और CAA पर झूठ फैलाने वाले हर्ष मंदर की कहानी NCERT की किताब में शामिल किए जाने को लेकर मैंने जो ट्वीट किया था, उस पर NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनसीईआरटी को नोटिस भेजा है।”

NCPCR ने इसका स्वतः संज्ञान लेते हुए NCERT को भेजी गई रिपोर्ट में लिखा है कि उन्हें नौवीं कक्षा की अंग्रेजी की पुस्तक ‘Moments (क्षणों)’ में ‘Weathering the Storm in Ersama (एरसामा में तूफान का सामना)’ नामक कहानी पढ़ाई जा रही है। आयोग ने कहा है कि अपने बाल सुधार गृहों में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित को प्रतिष्ठित साहित्यकारों के बीच रख कर पढ़ाने पर उन्हें मिली शिकायत में सवाल खड़े किए गए हैं।

इसमें बताया गया है कि कैसे ये कहानी आपात स्थितियों में सरकारी संस्थाओं को धता बताते हुए ये दिखाती है कि केवल NGO वगैरह ही काम आते हैं। साथ ही इसके कंटेंट्स नाबालिगों से जुड़े कानून का भी उल्लंघन करते हैं। बाल आयोग ने उदाहरण बताया कि कैसे ओडिशा में सरकार ने ऐसा मैकेनिज्म विकसित किया है, जिससे बाढ़-तूफान से नुकसान कई गुना घट जाता है। साथ ही बाल आयोग ने बच्चों को पढ़ाई जा रही हर्ष मंदर की अन्य कहानियाँ ‘A Home on the Street’ और ‘Paying For This Tea’ पर भी आपत्ति जताई।

बाल आयोग ने लिखा है, “ये कहानियाँ किस तरह ‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा’ के अनुरूप है, इसकी जाँच होनी चाहिए। इसीलिए, आपकी टिप्पणी और कार्रवाई के लिए इसे आपको भेजा जा रहा है। आप ये भी सुनिश्चित करिए कि किसी पुस्तक या पाठ में इस तरह भ्रमित करने वाले कंटेंट्स न हों। अगले एक सप्ताह में आप आयोग को बता सकते हैं कि आपने इस मामले में क्या कार्रवाई की है।” NCERT ने इस पर फ़िलहाल कोई बयान नहीं दिया है।

बता दें कि ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दायर कर बताया था कि देश भर में कई चिल्ड्रेन शेल्टर होम अवैध तरीके से चल रहे हैं और कुछ को संदिग्ध विदेशी संगठनों से फंडिंग हो रही है। इन NGO में हर्ष मंदर का ‘सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (सीईएस)’ भी शामिल है। पूर्व IAS हर्ष मंदर दिल्ली में दो चिल्ड्रेन होम्स चलाते हैं, जिनमें जाँच एजेंसियों को पैसों के मामले में गड़बड़ी किए जाने की जानकारी मिली थी। ED इन ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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