अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इनका नाम सरदार चरणजीत सिंह चंद्रपाल है। चंद्रपाल ने अपनी याचिका में कंगना के सारे सोशल मीडिया पोस्ट सेंसर करने और उनके खिलाफ दर्ज सारे एफआईआर मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि इन मामलों में छह महीने में चार्जशीट दायर कर दो साल में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया जाए।
याचिका किसान आंदोलन को खालिस्तान से जोड़ने वाले कंगना के पोस्ट के खिलाफ दाखिल की गई है। देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनके सभी सोशल मीडिया पोस्ट को भविष्य में सेंसर करने की माँग की गई है। याचिकाकर्ता ने माँग की है कि कंगना के सभी सोशल मीडिया पोस्ट केंद्र और राज्य सरकारों की अनुमति मिलने पर ही प्रकाशित हों।
A plea has been filed in the Supreme Court against actor Kangana Ranaut seeking future censoring of all her social media posts in order to maintain law and order in the country.
— ANI (@ANI) December 1, 2021
दरअसल, कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद कंगना ने ने यह पोस्ट किया था। इसके बाद उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए गए था। वहीं दिल्ली विधानसभा की एक समिति ने उन्हें पेश होने के लिए समन भेजा था।
याचिकाकर्ता का कहना है कि वह कंगना के इंस्टाग्राम पोस्ट से काफी आहत हुआ। इसमें कहा गया था, “खालिस्तानी आतंकवादी भले ही आज सरकार को दबा पा रहे हों, पर एक औरत को नहीं भूलना चाहिए। एक अकेली महिला प्रधानमंत्री ने इन लोगों को अपनी जूती के नीचे कुचला था। इस देश को चाहे उस महिला ने कितने भी कष्ट दिए हों, परंतु उसने इन मच्छरों को अपनी जान की बाज़ी लगाते हुए कुचला था, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उस महिला की मृत्यु के दशकों बाद भी ये लोग आज भी उसके नाम से काँपते हैं। इनको वैसा ही गुरु चाहिए।”
याचिका मे कहा गया है, “इस तरह के बयान नस्लीय भेदभाव को बढ़ाते हैं। विभिन्न धर्मों के बीच नफरत पैदा करते हैं। सोशल मीडिया पर तीखी बहस का कारण बन सकते हैं और यहाँ तक कि इससे दंगे भी हो सकते हैं। ऐसी चीजों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।”