फर्जीवाड़े के आधार पर IAS बनने के आरोपों में घिरी पूजा खेडकर पर केंद्र सरकार ने एक्शन लिया है। पूजा खेडकर के IAS में चयन को लेकर जाँच होने जा रही है। इसको लेकर मोदी सरकार ने एक सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह दो सप्ताह के भीतर अपनी जाँच रिपोर्ट केंद्र सरकार को देगी।
केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा जारी की गई एक प्रेस रिलीज में बताया गया है, “केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 और इससे पहले की परीक्षाओं की उम्मीदवार सुश्री पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य जानकारियों की जाँच के लिए भारत सरकार के एडिशनल सेक्रेटरी स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति 2 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी।”
केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई इस समिति की रिपोर्ट के बाद पूजा खेडकर के OBC प्रमाण पत्र और मानसिक अक्षमता को लेकर किए गए दावों की सच्चाई बाहर आ सकेगी। उन्होंने अपने चयन के लिए खुद को नॉन क्रीमी लेयर OBC नॉन क्रीमी लेयर और मानसिक रूप से अक्षम बताया था।
पूजा खेडकर ने साल 2023 में IAS परीक्षा को पास किया था उसमें उनकी 841 रैंक आई थी। अपने आपको उन्होंने इस सिलेक्शन प्रोसेस में मानसिक रूप से बीमार होने का दावा भी किया था। हालाँकि बाद में जब मेडिकल चेक अप की बारी आई तो वो अपनी ही बीमारी का सत्यापन करवाने के लिए 6 बार नहीं गईं।
ऐसे में ये अब भी एक सवाल बना हुआ है कि अगर पूजा ने चेक अप कराने से मना किया तो फिर कैसे उनका सिलेक्शन हुआ। ये भी कहा जा रहा है कि 2021 में पूजा को OBC PwBD 1 में खेल प्राधिकरण में सहायक निदेशक के रूप में चुना गया था, लेकिन 2023 में, उन्होंने रहस्यमय तरीके से अपनी श्रेणी 4 एम PwBD 1 को PwBD 5 में बदल दिया और IAS के रूप में चयनित हो गईं।
वहीं उनके OBC आरक्षण के दावे पर भी प्रश्न उठे हैं। उन्होंने नॉन क्रीमी लेयर OBC के तौर पर आरक्षण लिया है। इस आरक्षण का लाभ लेने वालों की आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उनके माता पिता के पास करोड़ों की सम्पत्ति है। उनके पिता दिलीप खेडकर ने हाल ही में अहमदनगर से चुनाव लड़ा था जबकि उनकी माता वर्तमान में सरपंच हैं। उनके माता-पिता के पास ₹20 करोड़ की तो केवल कृषि भूमि ही है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पूजा के पास खुद ₹17 करोड़ की सम्पत्ति है।
ऐसे में उनके OBC आरक्षण के दावे पर प्रश्न उठे हैं। पूजा खेडकर का यह मामला उनके द्वारा पुणे में अपने प्रशिक्षण के दौरान लग्जरी गाड़ी और केबिन की माँग किए जाने के बाद खुला है। पुणे कलेक्टर ने उनकी गलत माँगों के चलते उनकी शिकायत मुख्य सचिव को भेजी। अपने शिकायत पत्र में उन्होंने बताया था कि कैसे पूजा खेडकर वीआईपी ट्रीटमेंट पाने के लिए अधिकारियों को धमका रही हैं और परेशान कर रही हैं। उन्होंने अधिकारी अजय मोरे के चैंबर तक में कब्जा कर लिया था। वहीं अपनी निजी कार में वीआईपी नंबर लगाकर उसे चला रही थीं।
पूजा खेडकर के विषय में प्रश्न उठाने वालों पर उनकी माँ भी हमलावर हो गई हैं। पूजा खेडकर के पुणे स्थित घर के बाहर कवरेज करने पहुँचे मीडिया कर्मियों से पूजा की माँ ने अभद्रता की। पूजा की माँ ने मीडियाकर्मियों को जेल में डालने तक की धमकी दी। आरोपों के सामने आने के बाद पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था जहाँ उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन कर ली है।