Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजमेडिकल छात्रों की शपथ में होगा बदलाव, Hippocratic की जगह अब महर्षि चरक के...

मेडिकल छात्रों की शपथ में होगा बदलाव, Hippocratic की जगह अब महर्षि चरक के नाम पर: पूर्व AIIMS निदेशक का भी समर्थन

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के अंडरग्रेजुएट बोर्ड ने पिछले हफ्ते कॉलेजों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इसी मीटिंग में हिपोक्रेटिक शपथ का चलन खत्म करके चरक शपथ लेने के प्रस्ताव को रखा गया।

सदियों से मेडिकल छात्रों को हिपोक्रेटिक शपथ (Hippocratic Oath) दिलाने का दौर अब खत्म होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में मेडिकल छात्रों को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने के लिए ‘चरक’ शपथ दिलाने का प्रस्ताव सामने आया है। कुछ रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि इसी 14 फरवरी से मेडिकल कॉलेजों में शुरू हो रहे अकादमिक सत्र में ये चरक शपथ दिलाई जाएँगी। वहीं कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि इस मामले पर दो राय होने की वजह से अभी और चर्चा होगी।

जानकारी के मुताबिक, इस संबंध में नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission- एनएमसी) के अंडरग्रेजुएट बोर्ड ने पिछले हफ्ते कॉलेजों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इसी मीटिंग में हिपोक्रेटिक शपथ का चलन खत्म करके चरक शपथ लेने के प्रस्ताव को रखा गया जिसपर अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों ने अपनी मिलीजुली राय दी। इस दौरान एम्स के पूर्व निदेशक ने इसका समर्थन किया और कहा कि सबको इसका पालन करना चाहिए।

एम्स के पूर्व निदेशक का ये समर्थन देखकर स्वामी रामदेव ने भी महर्षि चरक की परंपरा को लेकर अपना ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “चिकित्सा एक व्यवसाय नहीं अपितु मानवसेवा का माध्यम है। एम्स के पूर्व निदेशक का अभिनंदन।” इसी प्रकार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि आईएमए 19-20 फरवरी को इस पर एक बैठक करेगा क्योंकि डॉक्टरों के बीच इसे लेकर विवाद की स्थिति है।

उल्लेखनीय है कि महर्षि चरक का आयुर्वेद विज्ञान में योगदान प्रमुख है। वह चिकित्सा ग्रंथ संहिता के लेखक हैं। नए प्रस्ताव के अनुसार, नए छात्रों को केवल चरक शपथ ही नहीं लेनी होगी बल्की डॉक्टरी पढ़ने आए छात्रों को 10 दिन की योगा ट्रेनिंग भी लेनी होगी। रिपोर्टों के अनुसार, इस पूरे विषय पर एक काउंसिल सदस्य ने बताया, “मॉडर्न मेडिसिन का इतिहास 200 साल से ज्यादा पुराना नहीं है। तो डॉक्टरों को ग्रीक फिजिशयन के नाम पर शपथ क्यों दिलाई जाए जब भारत का मेडिसिन में समृद्ध इतिहास रहा है। यह हमारी कई बैठकों में तय हो चुका है। महर्षि चरक के नाम पर शपथ लेना गर्व का विषय है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -