जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ नेता और ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के सरगना कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद पर और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत कई लोगों के ख़िलाफ़ देशद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस जल्द ही आरोप पत्र दायर करने वाली है। इस बात की जानकारी खुद दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने दी है।
कुछ समय पहले पूरे देश भर में जेएनयू पर बहस करना, उसपर चर्चा करना एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया था। इस दौरान जगह-जगह सिर्फ दो लोगों की भीड़ थी, एक तो वो जो जेएनयू के समर्थन में थी और एक वो जो जेएनयू के विरोध में थी। दरअसल, उस समय ख़बरें थी कि जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए हैं। जिसके बाद सामाजिक और राजनैतिक माहौल बहुत गर्मा गया था।
इन्हीं सबके बीच से कुछ ऐसे नाम निकलकर आए जो अब भी आए दिन ख़बरों का हिस्सा बन जाते हैं। इसमें कुछ को राजनीति का भावी चेहरा बताया गया तो कुछ को ISIS का। इनमें कन्हैया कुमार और उमर ख़ालिद दो बड़े नाम हैं। बता दें कि कन्हैया कुमार जेएनयू के पूर्व छात्र अध्यक्ष थे। संसद पर हमला करने वाले अफज़ल गुरू को फाँसी देने जाने के फैसले के विरोध में इन लोगों ने 2016 में कार्यक्रम किया था, जिसके बाद इन्हें देशद्रोह के मामले में गिरफ़्तार भी किया गया था।
इनकी गिरफ़्तारी के बाद कुछ लोगों द्वारा खूब हंगामा किया गया था। विपक्ष ने इस मामले पर पुलिस पर आरोप लगाया था कि भाजपा की शह पर ये सब काम कर रही है। लोगों की सबसे बड़ी असहमति इस बात पर थी कि किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय के कैंपस पर “भारत तेरे टुकड़े होंगे” जैसे नारे कैसे लगाए जा सकते हैं?
हालाँकि, छद्म-लिबरलों और वामपंथी मीडिया गिरोह ने इसे ‘डिस्सेंट’, यानि ‘असहमति की अभिव्यक्ति’ बताते हुए सरकार को घेर लिया कि ‘फ़्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन’ या ‘अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। जबकि, इस तरह की अभिव्यक्ति किसी भी राष्ट्र में देशद्रोह ही कहा जाएगा क्योंकि जिस देश में आप रह रहे हैं, जहाँ से आपको शिक्षा मिल रही है, संसाधनों का प्रयोग कर रहे हैं, वहाँ देश को तोड़ने के नारे लगाना सर्वथा अनुचित और निंदनीय है।
दिल्ली पुलिस द्वारा कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिबार्न भट्टाचार्य समेत कई लोगों के ख़िलाफ़ दाखिल किए जाने वाला आरोप पत्र इन्हीं घटनाओं पर आधारित है। अमूल्य पटनायक का कहना है कि पुलिस के लिए ये मामला बहुत पेचीदा था, लेकिन अब ये अपने आख़िरी चरण पर है, इस मामले की जांच करने के दौरान पुलिस को अन्य राज्यों के दौरे करने पड़े, लेकिन अब आरोप पत्र जल्दी दायर किया जाएगा।
आपको बता दें कि इस मामले में ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ व वकील प्रशांत भूषण ने सरकार पर यह देश में डर का माहौल बनाने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि देश में सरकार के खिलाफ बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने उमर ख़ालिद और कन्हैया का साथ देते हुए कहा था इन्हें सरकार के ख़िलाफ़ बोलने के कारण नक्सली और देशद्रोही करार दिया जा रहा है।