चेन्नई पुलिस ने तयशुदा घंटों के अतिरिक्त पटाखे जलाने पर 581 FIR दर्ज की हैं। चेन्नई पुलिस ने सुबह 6-7 बजे और शाम को 7-8 बजे के बीच पटाखे जलाने को कहा था लेकिन आरोप है कि कई लोगों ने इस समय के अलावा भी पटाखे जलाए जिसके कारण यह मामले दर्ज किए गए। राज्य के मंत्री और सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बता कर इसे खत्म करने की बात की थी और तमाम विरोधों के बावजूद अभी तक वो अपने इस बयान पर कायम हैं।
तमिलनाडु की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी कि लोगों को दीपावली के दिन मात्र 2 घंटे पटाखे जलाने की अनुमति दी जाए। इसी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि पटाखे जलाने का समय यही होगा।
581 cases registered in Chennai including 554 cases related to the bursting of firecrackers beyond the time specified by Supreme Court: Chennai Police pic.twitter.com/S8FpM2iOWx
— ANI (@ANI) November 13, 2023
चेन्नई पुलिस द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर पटाखों से जुड़े हुए कुल 581 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 554 मामले समय सीमा के बाहर पटाखे जलाने, 19 मामले ज्यादा आवाज वाले पटाखे जलाने और 8 मामले पटाखे बेचने को लेकर दर्ज किए गए हैं।
जहाँ तमिलनाडु से पटाखे जलाने पर लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करने की खबरें सामने आई हैं वहीं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से ऐसा कुछ सुनने को नहीं मिला है। तमिलनाडु पुलिस के इस कदम पर उनकी अब सोशल मीडिया पर आलोचना भी हो रही है।
एक वेबसाइट के अनुसार, चेन्नई पुलिस ने पटाखे जलाने वालों को पकड़ने के लिए ‘स्पेशल यूनिट’ का गठन किया था। हर पुलिस थाने में एक सब इंस्पेक्टर और दो कॉन्स्टेबल को इसमें शामिल किया गया था और यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वो पटाखे जलाने वालों को पकड़ें।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवम्बर को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए पूरे देश में बेरियम पटाखों पर बैन लगा दिया था। यह आदेश सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित ना होकर पूरे देश पर लागू किया गय था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पटाखों से होने वाला प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।