छत्तीसगढ़ के दुर्ग में धर्मान्तरण को लेकर विवाद की खबर है। हिन्दू संगठनों ने आरोप लगाया कि यहाँ एक प्रार्थना सभा के बहाने सैकड़ों लोगों के धर्मान्तरण की साजिश रची जा रही थी। उनके मुताबिक जब उन्होंने इस सभा का विरोध किया तो ईसाई पक्ष द्वारा उनके साथ मारपीट की गई। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुँच कर हालात को काबू किया। केस दर्ज कर के मामले की जाँच की जा रही है। घटना रविवार (3 मार्च 2024) की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला दुर्ग के थानाक्षेत्र पद्मनाभपुर का है। हिन्दू संगठनों का दावा है कि उन्हें यहाँ काफी समय से धर्मान्तरण की साजिशों की शिकायत मिल रही थी। उनका आरोप है कि धर्म परिवर्तन का यह खेल उड़िया बस्ती में प्रार्थना सभा के नाम पर खेला जा रहा था। प्रार्थना रायपुर नाका के पास बने एक चर्च में करवाई जाती थी जिसमें सैकड़ों लोग शामिल होते थे। रविवार को एक बार फिर से बजरंग दल को यहाँ जमावड़े की खबर मिली। बजरंग दल के सदस्यों ने यहाँ पहुँच कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
आरोप है कि इस दौरान ईसाई पक्ष के लोग जो धर्मान्तरण करवा रहे थे, उन्होंने बजरंग दल वालों पर हमला कर दिया। प्रार्थना सभा के अंदर से पत्थरबाजी किए जाने की भी बात कही जा रही है। इसके बाद हुए विवाद में दोनों पक्षों से लोगों के जख्मी होने की सूचना है। इस हंगामे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगा रहे हैं। विवाद की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पहुँची और दोनों पक्षों को शांत करवाया। दोनों ही पक्ष अपने विपक्षी पर कार्रवाई की माँग को ले कर थाने में हंगामा करते रहे। पुलिस मामले की जाँच में जुटी है।
बजरंग दल के सहसंयोजक रामलोचन तिवारी ने सवाल किया है कि चोरी-छिपे प्रार्थना कराए जाने का क्या मतलब हुआ। उन्होंने ईसाई मत प्रचारकों द्वारा हिन्दू बस्तियों में पर्चे बाँट कर उन पर पैसे और पढ़ाई का लालच देने का आरोप लगाया है। वहीं मसीही समाज के सचिव और पादरी विनोद ने हिन्दू संगठन से जुड़े 15 से 20 लोगों पर प्रार्थना कर रहे लोगों पर हमले का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रार्थना में केवल ईसाई ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग शामिल होते हैं। दुर्ग के पुलिस अधिकारी चिराग जैन ने घटना को गलतफहमी की वजह से होना बताते हुए नियमानुसार कानूनी कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिया है।