मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में लिप्त होने के कारण चीनी कंपनियाँ अक्सर भारत की जाँच एजेंसियों के निशाने पर रहती हैं। इसी क्रम में आज (5 जुलाई 2022) भी प्रवर्तन निदेशालय ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। सामने आई जानकारी के मुताबिक ईडी ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और कुछ दक्षिण राज्यों में 40 से ज्यादा जगह रेड मारी। इससे पहले भी ईडी ने चीनी कंपनियों से जुड़े मामले में अपनी छापेमारी की थी।
ED raids underway at 40 locations in UP, MP, Bihar, and a few southern states, in connection with an ongoing case linked to a Chinese firm. The case is already being investigated by the CBI.
— ANI (@ANI) July 5, 2022
आधिकारियों ने इस छापेमारी को लेकर बताया है कि ये कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत की गई है। जाँच एजेंसी Vivo और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े 44 स्थानों की तलाशी ले रही है। इस रेड के बाद वीवो और अन्य कंपनियों के खिलाफ चल रहे जाँच केस में जल्द ही अधिक जानकारी आने की संभावना है।
ED conducts raids at 44 places in money laundering probe against Chinese mobile manufacturing company Vivo & related firms:Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) July 5, 2022
बता दें कि चीनी कंपनियों पर हजारों करोड़ रुपए की हेरा-फेरी करने के इल्जाम पिछले कुछ समय में लगे हैं। यही वजह है कि न केवल ईडी बल्कि सीबीआई भी इनके पीछे पड़ी है। मई माह में ZTE Corp और वीवो मोबाइल कम्युनिकेशन कंपनी के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जाँच हुई थी। इसी तरह शाओमी कंपनी भी फाइनेंशियल फ्रॉड करने के कारण भारतीय जाँच एजेंसियों के निशाने पर रहती है।
शाओमी के जब्त हुए हजारों करोड़
अप्रैल महीने में ईडी ने शाओमी इंडिया पर कार्रवाई की थी और चीनी कंपनियों से जुड़े बैंक खातों में जमा किए गए ₹5 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए जब्त कर लिए हैं। ये कार्रवाई विदेशी प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत अंजाम दी गई है।
#BIG: ED, seizes 5551Cr from Xiaomi India under FEMA, for illegal outward remittance as 'royalty', sent to Chinese entities.
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) April 30, 2022
Manu Jain (ex country head) was summoned by ED 2wks back. He is currently global VP.
Seems Hawala primary & mobile mnf is secondary business of Xiaomi! pic.twitter.com/Ws7PX8AkOR
शाओमी के विरुद्ध भी प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जाँच को इसी साल फरवरी में शुरू किया था। ये जाँच शाओमी टेक्नॉलजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए गए अवैध लेन-देन पर शुरू हुई थी। इसके बाद इस माह की शुरुआत में पता चला था कि जाँच एजेंसी ने अपनी पड़ताल के लिए कंपनी के एक पूर्व भारतीय प्रमुख बुलाया ताकि यह निर्धारित हो सके कि क्या कंपनी की व्यावसायिक प्रथाएँ भारतीय विदेशी मुद्रा कानूनों के अनुरूप हैं या नहीं।