ओडिशा के भद्रक जिले में मंगलवार (24 मई 2022) को एक चर्च को सील कर दिया गया। जिला प्रशासन ने आदिवासियों के जबरन ईसाई धर्मांतरण (Religious Conversions) की कई शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया है। साथ ही इलाके में धारा 144 लागू कर दी है। चर्च के आसपास तीन से अधिक लोगों को इकट्ठा नहीं होने देने का आदेश जारी किया गया है। यह चर्च भद्रक ब्लॉक के गेल्टुआ गाँव (Church in Geluta) में स्थित है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और ग्रामीण पीएस के आईआईसी द्वारा मामले की संयुक्त जाँच की गई थी। जाँच से पता चला है कि गेल्टुआ गाँव में स्थित चर्च के आसपास के दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी। भद्रक के उप कलेक्टर मनोज पात्रा ने कहा, “आदिवासियों के ईसाई धर्म में कन्वर्ट होने की शिकायतें मिल रही थीं। हमने अपनी जाँच में पाया कि यहाँ दो समुदायों के बीच झड़प हुई है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने गेल्टुआ में धारा 144 लागू कर दी है। चर्च के आसपास केवल तीन लोगों को ही इकट्ठा होने की अनुमति है।”
Odisha | There were complaints regarding tribals conversion to Christianity. We found out that there is some breach of peace b/w communities. Dist admin has enforced Section 144 in Geltua, 3 persons are allowed to gather in vicinity of Church: Manoj Patra, Sub Collector, Bhadrak pic.twitter.com/Ef0AMYgdGu
— ANI (@ANI) May 23, 2022
ओडिशा में जबरन धर्म परिवर्तन के कुछ मामले
यह पहली बार नहीं है, जब ओडिशा से जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आया हो। इससे पहले 26 सितंबर 2021 को ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में जबरन धर्मांतरण करवाने वाले एक पादरी को ग्रामीणों ने धर-दबोचा था। महेंद्र साहू नाम का पादरी तंगरडीही गाँव में लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच दे रहा था। पादरी नियमित तौर पर हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए तंगरडीही गाँव में आता था। ग्रामीणों के मना करने के बावजूद वह इस काम को बिना किसी रोकटोक के करता था। वह गाँव का दौरा करता था और ईसाई बनने का लालच देता था। ग्रामीणों ने जब उसे पकड़ा उस समय भी वह यही कर रहा था। लोगों ने उसकी हरकतों से तंग आकर एक एफिडेविट पर लिखवाया कि वो भविष्य में दोबारा कभी भी तंगरडीही गाँव में नहीं आएगा।
इसी तरह वर्ष 2018 में ओडिशा के गजपति जिले के निवासी थबीर पांडा को उसकी पत्नी और सास ने ईसाई धर्म में कन्वर्ट करने से इनकार करने पर पीटा था। पीड़ित थबीर पांडा और उसकी पत्नी सुरभि ने 2014 में भवानीपटना कोर्ट में शादी की थी। शादी के बाद थबीर पर उसकी पत्नी लगातार हिंदू धर्म छोड़ने का दबाव बनाती थी। दोनों के बीच रोज इसको लेकर झगड़े होते थे। ऐसा बताया जाता है कि पांडा को सुरभि और उसकी माँ ने ईसाई धर्म अपनाने से इनकार करने पर बेरहमी से पीटा था।