Sunday, September 8, 2024
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‘4 दिनों से सोया नहीं था लोको पायलट’: कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना में PIB ने एसोसिएशन के दावे को नकारा, कहा – 30 घंटे मिला आराम

दरअसल, कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे को लेकर रेलवे बोर्ड का कहना है कि लोको पायलट ने रंगापानी स्टेशन से टीए 912 अथॉरिटी पास ली थी। इसके बाद उसने मालगाड़ी को खराब सिग्नलों के बीच तय लिमिट से ज्यादा गति से निकाला, इसलिए हादसा हुआ। हालाँकि, लोको पायलटों के संगठन ने इसे पूरी तरह नकार दिया।

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस के बीच हुई टक्कर को लेकर कई बातें कई जा रही हैं। रेलवे बोर्ड ने प्रथम दृष्ट्या इसके लिए मालगाड़ी के लोको पायलट को दोषी बताया है। वहीं, लोको पायलट एसोसिएशन का कहना है कि मालगाड़ी का लोको पायलट लगातार चार दिनों से सोया नहीं था। हालाँकि, PIB ने इसे फर्जी बताया है और कहा कि उसने पर्याप्त आराम किया था।

दरअसल, कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे को लेकर रेलवे बोर्ड का कहना है कि लोको पायलट ने रंगापानी स्टेशन से टीए 912 अथॉरिटी पास ली थी। इसके बाद उसने मालगाड़ी को खराब सिग्नलों के बीच तय लिमिट से ज्यादा गति से निकाला, इसलिए हादसा हुआ। हालाँकि, लोको पायलटों के संगठन ने इसे पूरी तरह नकार दिया।

ऑल इंडिया रनिंग लोको स्टाफ एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एसएस ठाकुर ने बताया कि सिग्नल फेल होने पर वैकल्पिक फॉर्म टीए 912 के जरिए ट्रेनें चलाई जाती हैं। उससे जुड़ा नियम है कि जब तक आगे वाली ट्रेन अगला स्टेशन पार न कर ले, तब तक दूसरी ट्रेन को पिछले स्टेशन से आगे नहीं बढ़ाते हैं। रंगापानी स्टेशन पर के स्टेशन मास्टर ने कंचनजंगा के आगे बढ़ने के 15 मिनट बाद ही मालगाड़ी को टीए 912 पेपर दे दिया था।

उन्होंने कहा कि उस वक्त कंचनजंगा एक्सप्रेस कुछ किलोमीटर आगे ट्रैक पर खड़ी थी। उन्होंने यह भी कहा कि जिस लोको पायलट पर हादसे का दोष मढ़ा जा रहा है वो लगातार 4 रातों से सोया नहीं था, जबकि नियम अधिकतम लगातार 2 रात ड्यूटी का है। उन्होंने स्टेशन मास्टर की जाँच करने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि लोको पायलटों को दोषी बताने की परंपरा पुरानी है।  

एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के बयान पर कई मीडिया रिपोर्ट हुईं। इसको लेकर अब PIB FactCheck ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया है। इस पोस्ट में न्यूज 24 के उस खबर का स्क्रीनशॉट भी लगाया गया है, जिसमें एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एसएस ठाकुर का चार रातों तक नहीं सोने वाली बयान है।

PIB FactCheck ने लिखा, “एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कंचनजंगा रेल दुर्घटना में मालगाड़ी का लोको पायलट 04 रातों से सोया नहीं था। यह दावा फर्जी है। मालगाड़ी के लोको पायलट को अपनी ड्यूटी से पहले 30 घंटों से अधिक विश्राम मिला, जिसमें रात्रि विश्राम भी शामिल था।” अगले पोस्ट में लिखा है, “लोको पायलट ने इस माल गाड़ी में मॉर्निंग ड्यूटी की थी।”

बता दें कि कंचनजंगा ट्रेन हादसे को लेकर एक महिला पैसेंजर चिन्मय मजूमदार ने मालगाड़ी के दोनों ड्राइवरों (लोको पायलट और को-लोको पायलट) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता कंचनजंगा एक्सप्रेस में बैठी थीं। हादसे में उन्हें भी चोटें आई हैं। वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना में जान गँवाने वालों के परिजनों को 10 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 2.50 लाख रुपए और मामूली घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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