मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा सर्वे का काम जारी है। अदालत के निर्देश पर ASI यहाँ GPS-GRS और कार्बन डेटिंग के लिए खुदाई भी करा रही है। इसकी रिपोर्ट 29 अप्रैल 2024 तक पेश की जा सकती है। गुरुवार (18 अप्रैल) को यहाँ सर्वे का 28वाँ दिन है। अब हुए 40 प्रतिशत काम के दौरान कई हिंदू कलाकृतियाँ मिलने की बात कही जा रही है।
ASI के सर्वे दल में 15 अधिकारी और 25 श्रमिक शामिल हैं। दरअसल, बुधवार (17 अप्रैल 2024) को भोजशाला में परिसर के बाहर गर्भगृह के सामने हवन कुंड के समीप सर्वे का कार्य किया गया। दरगाह के समीप और अकल कुईया का सर्वे भी टीम ने किया था। दावेदारों ने गर्भगृह के सामने कई पत्थर, भित्ति चित्र और मूर्तियाँ मिलने के बात कही है।
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू पक्ष ने यहाँ सर्वे में कई हिंदू प्रतीकों के मिलने की बात कही है। उनका दावा है कि भोजशाला मंदिर ही है। उनका कहना है कि 15वें दिन गर्भगृह के पिछले हिस्से में तीन सीढ़ियाँ दिखीं, जबकि 19वें दिन दीवार में दबा गोमुख निकला है। यह दरगाह से लगी दीवार में दबी हुई थी। हिंदुओं का दावा है कि किसी भी मंदिर में अभिषेक का जल गोमुख से ही निकलता है।
इतना ही नहीं, हिंदू पक्ष का यह भी दावा है कि इसके पश्चिमी हिस्से में दीवार और स्तंभ जैसी आकृति मिली है, जिसका एक हजार साल पुराना आधार है। यहाँ बीचो-बीच एक कुंड स्थित है, जिसकी सफाई में कई अवशेष सामने आने का दावा किया जा रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मंदिर के बीच की यज्ञशाला है। यहाँ शिलालेख-मूर्तियाँ मिली हैं, क्योंकि सनातन का केंद्र रहा है।
भोजशाला आंदोलन से जुड़े धार के हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा और याचिकाकर्ता आशीष गोयल के हवाले से भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गर्भगृह के पिछले हिस्से में स्तंभ की तरह की आकृति मिली है। उनका दावा है कि यह सपोर्टेड पिलर रहा होगा। सुरक्षा के लिहाज से निकास द्वार बने होंगे। पिलर मिला है तो और रास्ते भी होंगे।
हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने कहा कि भोजशाला के गर्भगृह, उत्तर और दक्षिण दिशा में सर्वे हुआ है। यहाँ कुछ ऐसे अवशेष मिले हैं, जो भोजशाला में आक्रमण की कहानी कह रहे हैं। वो बता रहे हैं किस प्रकार भोजशाला को तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि यहाँ ऐसे अवशेष निकले हैं, जो जाँच का विषय है। जाँच में सच सामने आएगा और सिद्ध होगा कि यह भोजशाला है।
उन्होंने कहा कि भोजशाला में मौजूदा स्तंभों से लेकर सर्वे में प्राप्त एक पिलर पर हिंदू प्रतीक चिह्न व वास्तु शैली दिखाई दे रही है। भोजशाला और उसके 50 मीटर के दायरे में अभी लगभग 40 प्रतिशत काम हो चुका है। उनका कहना है कि लगता है कि सर्वे पूरा होने में अभी समय और लगेगा। हो सकता है कि ASI की टीम सर्वे के दिन बढ़ाने के लिए माननीय न्यायालय में माँग करे।
वहीं, मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद का कहना है कि सर्वे में आज कुछ नहीं मिला है। उन्होंने दावा किया कि दो दिन पहले भोजशाला के अंदर भगवान गौतम बुद्ध की मूर्ति निकली थी।
बताते दें कि धार में भोजशाला ASI द्वारा संरक्षित इमारत है। साल 2022 में हिन्दू संगठनों ने याचिका दायर करके भोजशाला का GPR और GPS तकनीक से सर्वे कराने की माँग की थी। इंदौर हाईकोर्ट ने 11 मार्च को इसे स्वीकारते हुए सर्वे के आदेश दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि स्मारक के मूल स्वरूप से परिवर्तन नहीं होना चाहिए। इसके बाद 22 मार्च से सर्वे शुरू कर दिया गया।