दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार (28 मार्च, 2024) को शराब घोटाले में फँसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की माँग वाली याचिका खारिज कर दी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने ने कहा कि याचिकाकर्ता कानून में किसी ऐसे प्रावधान का जिक्र करने में असफल रहे, जो ये कहता हो कि किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ़्तारी के बाद पद पर रहने से वंचित करता हो।
जजों ने कहा, “हमें दिखाइए, कहाँ इस प्रतिबंध का जिक्र है। आप जो माँग कर रहे हैं, उसके समर्थन में कोई कानूनी प्रावधान दिखाइए।” हाईकोर्ट ने आगे कहा कि इस मामले में न्यायपालिका के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है, कार्यपालिका इसे देख रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर संवैधानिक उल्लंघन का कोई मामला है तो राष्ट्रपति या उप-राज्यपाल (LG) पर पर कदम उठाएँगे, LG मामले को देख भी रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि मामला राष्ट्रपति तक जाएगा, न्यायिक हस्तक्षेप की ज़रूरत नहीं है।
दिल्ली के ही रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने ये PIL दायर की थी। वो किसान एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने माँग उठाई थी कि वित्तीय गड़बड़ी में शामिल मुख्यमंत्री को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आशंका जताई थी कि इससे कानूनी कार्यवाही में बाधा आएगी, साथ ही राज्य की संवैधानिक व्यवस्था भी चरमरा जाएगी। उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल कस्टडी में हैं और इस दौरान वो मुख्यमंत्री वाली अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर सकते।
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— Live Law (@LiveLawIndia) March 28, 2024
Delhi High Court rejects PIL seeking removal of Arvind Kejriwal from the post of Chief Minister of Delhi. #ArvindKejriwal #ED #DelhiHighCourt pic.twitter.com/eDhvboWQpx
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि गिरफ्तार होने और ED की रिमांड में होने के बावजूद अरविंद केजरीवाल के CM बने रहने के रास्ते में कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। जजों ने कहा कि हमें राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए, राजनीतिक दल इसमें जाएँगे, वो लोग जनता में जाएँगे, ये हमारे लिए नहीं है। अरविंद केजरीवाल 21 मार्च को ही ED द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन्हें 1 सप्ताह की रिमांड पर भेजा गया था, अब राउज एवेन्यू कोर्ट में उन्हें पेश किया जा रहा है।