झारखंड के गढ़वा में माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन जुलूस को मुस्लिम समुदाय द्वारा रोके जाने पर सांप्रदायिक तनाव फैल गया। यहाँ 2 अलग-अलग घटनाओं में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। हिन्दू पक्ष जिस रास्ते से जुलूस निकालना चाह रहा था, उस पर मुस्लिम समुदाय ने ऐतराज जताया। नाराज हिन्दुओं ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया है। वहीं, मतगढ़ी में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी हुई है।
पहला मामला गढ़वा के मतगढ़ी का है। यहाँ रविवार (13 अक्टूबर) को हिन्दू समुदाय के लोग हर वर्ष की तरह प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए निकले थे। रास्ते में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने प्रतिबंधित रास्ता बताकर उन्हें रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में तनातनी हो गई। वाद-विवाद के बीच हालात बिगड़ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस ने मामले को सँभालने की कोशिश की।
आखिरकार, पुलिस ने भीड़ पर लाठी चार्ज कर दिया और आँसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान पुलिस ने फायरिंग भी की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हिन्दू पक्ष ने पुलिस पर मुस्लिमों की तरफदारी का आरोप लगाया। इसको लेकर पुलिस और हिन्दू संगठनों में झड़प हो गई। पुलिस का कहना है कि जिस रास्ते से विसर्जन यात्रा निकाली जा रही है, वहाँ पहले भी विवाद हो चुका है।
गढ़वा हिंसा : हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने की फायरिंग@dc_garhwa @GarhwaPolice pic.twitter.com/xRHbxwL4nf
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) October 13, 2024
हालाँकि प्रदर्शनकारी इसे अपनी पुरानी परम्परा बताते हुए यात्रा ले जाने पर आमादा थे। इस हिंसक झड़प के दौरान एक व्यक्ति के पैर में गोली भी लगने की बात कही जा रही है। इस घटना में कुछ पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए हैं। वहीं, कई श्रद्धालुओं को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है। हालात को देखते हुए इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। प्रतिमा विसर्जन नहीं होने से तनाव और बढ़ गया है।
लखना गाँव में भी रास्ते में रुकावट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूसरा मामला गढ़वा जिले के ही लखना गाँव का है। यहाँ हिन्दू समुदाय ने हर वर्ष की भाँति इस बार भी दुर्गा पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया था। आयोजन के बाद शनिवार (12 अक्टूबर 2024) को श्रद्धालु प्रतिमा को विसर्जन करने जा रहे थे। रास्ते में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विसर्जन जुलूस को रोक दिया। उनका कहना था कि उस रास्ते से विसर्जन यात्रा नहीं निकाली जा सकती है।
इस बात को लेकर दोनों समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों की भीड़ जुटते देखकर मौके पर पुलिस व अन्य प्रशासनिक अधिकारी पहुँचे। प्रशासन ने दोनों पक्षों से लम्बी वार्ता की जो देर रात तक चली। हालाँकि, इस बातचीत का कोई हल नहीं निकला। घंटों प्रतिमा रास्ते में ही रुकी रही। इससे श्रद्धालु आक्रोशित हो गए। उन्होंने प्रशासन पर ढिलाई का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
घटनास्थल पर पहुँचे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने मुस्लिम पक्ष पर जोर-जबरदस्ती करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस मार्ग पर प्रतिमा का विसर्जन रोका गया है, उसको पक्की सड़क के तौर पर सरकार ने अपने पैसों से बनवाया है। बीजेपी MLA का यह भी दावा है कि इस मार्ग पर हर साल माता सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन होता रहा है।
बकौल तिवारी, उसी राह पर जब ताजिया निकलता है तो हिन्दू मुस्लिमों को शर्बत पिलाते हैं। तिवारी ने सरकार की एकतरफा धर्मनिरपेक्षता पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने दावा किया कि जिस इलाके में मुस्लिम पक्ष ने माँ दुर्गा की विसर्जन यात्रा रोकी है, वहीं पर एक हिन्दू ने कब्रिस्तान के लिए अपनी जमीन दान कर दी थी।
झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड सरकार की आलोचना की है। उन्होंने इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने X हैंडल पर लिखा, “पुलिस विसर्जन रोककर धार्मिक उन्माद फैलाने वाले लोगों पर कारवाई करने की बजाय सिर्फ चिरौरी कर रही है।”
गढ़वा में एक गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन पिछले 6-7 घंटों से रोक रखा है। पुलिस, विसर्जन रोककर धार्मिक उन्माद फैलाने वाले लोगों पर कारवाई करने की बजाय सिर्फ चिरौरी कर रही है।@jharkhandpolice के डीजीपी तुरंत संज्ञान लेकर विसर्जन रोकने वाले… pic.twitter.com/bHEzORNk3z
— Babulal Marandi (@yourBabulal) October 12, 2024
बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के DGP से कहा कि वो प्रतिमा विसर्जन रोकने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें, अन्यथा सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों की आपसी बातचीत के बाद मामले का समाधान निकाल लिया गया है। पुलिस ने यह भी कहा कि विवाद की स्थिति कुछ बाहरी लोगों द्वारा पैदा की गई थी, जिस पर कार्रवाई की जाएगी।