प्रिंसिपल का नाम फादर एडमंड मैस्करेनियस है। बताया जा रहा है कि उन्होंने प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को इसलिए मारा क्योंकि वे ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ कह रहे थे। मामला उठने के बाद प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत भी हो गई है।
शिक्षक दिवस पर प्रिंसिपल ने बच्चों को पीटा
जानकारी के मुताबिक, घटना 5 सितंबर की है। स्कूल में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था। प्रार्थना के दौरान राष्ट्रगान हुआ और उसके बाद कुछ बच्चों ने मिलकर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। इन्हीं नारों की आवाज सुन प्रिंसिपल नाराज हो गए।
उन्होंने तीनों बच्चों को एक पंक्ति में खड़ा किया और फिर उन्हें बेरहमी से पीटा। अजीब बात ये है कि प्रिंसिपल को पता तक नहीं था वो नारेबाजी किसने की है, लेकिन फिर भी उन्होंने उन तीनों को पकड़कर मारा।
कहा जा रहा है कि अन्य बच्चे प्रिंसिपल से इतना डरते थे कि कोई भी उन्हें रोकने आगे नहीं आया। बच्चों के माता-पिता भी इस घटना पर डर से चुप्पी साधे रहे कि अगर उन्होंने आवाज उठाई तो इसका असर आगे चलकर उनके बच्चों पर पड़ेगा।
हिंदू संगठनों के कारण उठा मामल
बाद में इस घटना की जानकारी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों को सोशल मीडिया के जरिए हुई। उन्होंने ये मामला उठाया और जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र भेजकर हेडमास्टर के खिलाफ शिकायत की, जिसकी प्रति ऑपइंडिया के पास मौजूद है।
मामले के संबंध में जब ऑपइंडिया को सूचना मिली तो हमने हिंदू संगठन के जिला समन्वयक भरतभाई सोलंकी से बात की। उन्होंने बताया कि निर्मला माता इंग्लिश स्कल दीव में है। नियमानुसार स्कूल में राष्ट्रगान बजाया जाता है, लेकिन समापन के बाद कोई ‘भारत माता की जय’ या कोई अन्य जयकार नहीं होती। पिछली 5 तारीख को जब स्कूल में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था तो कुछ स्कूली बच्चों ने भारत माता के नाम का जयकारा लगाया।
उन्होंने कहा, ”राष्ट्रगान खत्म होते ही एक बच्चे ने ‘भारत माता की जय’ चिल्लाया तो फादर तीन बच्चों को शेड में ले गए और बेरहमी से उनकी पिटाई की। बच्चे कहते रहे कि उन्होंने कुछ नहीं किया, लेकिन फिर भी उन्हें पीटा गया। घटना के बाद दो अन्य बच्चों को भी पीटा गया। इस तरह तीन बच्चों की पिटाई हुई।
जिला कलेक्टर को शिकायत देकर कार्रवाई की माँग
सोलंकी ने बताया कि उन लोगों को इस मामले की सूचना सोशल मीडिया के जरिए मिली थी। पूछताछ करने पर पता चला कि स्थानीय लोग फादर से डरते हैं। कारण यही है कि ज्यादातर आबादी गरीब और अशिक्षित है। उन्हें लगता है कि अगर कुछ कहा तो बच्चे को स्कूल से निकाल दिया जाएगा। फादर के खिलाफ स्टाफ तक मुँह नहीं खोलता।
हिंदू संगठनों ने इस मामले को सक्रियता से उठाया है। जिसके बाद दीव पुलिस ने आरोपित प्रिंसिपल एडमंड मैस्करेनियस के खिलाफ केस दर्ज किया। उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 115 (2) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 82 (1) के तहत एनसी (असंज्ञेय अपराध) शिकायत दर्ज की गई है। ऑपइंडिया ने मामले पर अधिक जानकारी पाने के लिए दीव पुलिस से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन नहीं हो सका। अधिक जानकारी प्राप्त होने पर लेख को अपडेट किया जाएगा।