Friday, November 15, 2024
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70-80% प्रॉफिट के बावजूद अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने चीनी उत्पादों का किया पूर्ण बहिष्कार: रिपार्ट

चीन के साथ सीमा साझा कर रहे जिले में चीन से लगभग 10 लाख रुपए का समान हर महीने इम्पोर्ट होता था और विक्रेता उससे 50 प्रतिशत के मार्जिन पर कमाते थे। वहीं चीन के बहिष्कार के फैसले से विक्रेताओं के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी अधिक धन खर्च करना पड़ रहा है। ज्यादा पैसे खर्च होने के बावजूद लोग इससे हतोत्साहित नहीं हैं।

अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में रहने वाले लोगों ने देश और भारतीय सेना के साथ एकजुटता में खड़े होकर चीनी उत्पादों का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, LAC पर गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुए झड़पों के बाद से जिले के स्थानीय लोगों ने सभी चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन के साथ सीमा साझा कर रहे जिले में चीन से लगभग 10 लाख रुपए का समान हर महीने इम्पोर्ट होता था और विक्रेता उससे 50 प्रतिशत के मार्जिन पर कमाते थे। वहीं चीन के बहिष्कार के फैसले से विक्रेताओं के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी अधिक धन खर्च करना पड़ रहा है क्योंकि चीनी उत्पाद सस्ते दामों पर उपलब्ध होते थे। ज्यादा पैसे खर्च होने के बावजूद लोग इससे हतोत्साहित नहीं हैं।

बता दें जिन उत्पादों को चीन से आयात किया जाता था उनमें शराब, कॉस्मेटिक आइटम, सिगरेट और खिलौने शामिल थे।

न्यू मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष न्यालुक डोनी कहते हैं, “चीनी उत्पादों का बहिष्कार किए लगभग दो महीने हो गए हैं। ग्राहकों और ओल्ड मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से दो महीने से चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया हुआ है। इससे पहले, चीनी उत्पाद आसानी से उपलब्ध थे और हमें उसमें लगभग 70-80 प्रतिशत मार्जिन मिलता हैं। जब हम भारतीय उत्पाद बेचते हैं तो हमारा लाभ 10-15 प्रतिशत होता है। लेकिन हमें भारतीय उत्पादों को ही बेचने का फैसला करना होगा।” चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के बाद इसे विक्रेता और ग्राहकों दोनों द्वारा सख्ती से पालन किया जा रहा है, भले ही इसके लिए उन्हें अधिक पैसा क्यों न खर्च करना पड़े।

गौरतलब है कि कुछ महीनों से दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हुए हैं। चीन के खिलाफ व्यापक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया में नागरिक अपने अपने तरीके से योगदान दे रहे हैं। इस साल जून में एलएसी के साथ गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थीं। इस खूनी झड़प में दोनों पक्षों को हताहत होना पड़ा था। फिलहाल अभी भी एलएसी पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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