Monday, November 18, 2024
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जमातियों को कार में बिठा कॉन्स्टेबल इमरान ने पार कराया बॉर्डर, रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद सस्पेंड

इमरान के साथ-साथ वे सभी लोग भी दबोचे जा चुके हैं, जिसे उसने बॉर्डर पार कराने का प्रयास किया था। उन सभी को आइसोलेशन में रखा गया है। इमरान उत्तर प्रदेश के लोनी का रहने वाला है।

दिल्ली पुलिस ने अपने उस कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया है, जिसने तबलीगी जमात के सदस्यों की मदद की थी। उक्त कॉन्स्टेबल ने जमातियों को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पार कराने में मदद की थी। उसका नाम इमरान है। वह दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी यूनिट में पदस्थापित था। गुरुवार (अप्रैल 2, 2020) को उसने अपनी कार में जमातियों को बिठा कर उन्हें यूपी पहुँचाया था। गाजियाबाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था। रंगे हाथों पकडे जाने के बाद इमरान से यूपी पुलिस ने पूछताछ की थी।

गाजियाबाद पुलिस ने इमरान के सम्बन्ध में दिल्ली पुलिस को सूचना दी। अब दिल्ली पुलिस यह पता करने में जुटी है कि उन जमातियों ने इमरान से कैसे संपर्क साधा या फिर इमरान उन्हें कैसे जानता था। दिल्ली पुलिस को आशंका है कि इमरान ने पहले भी जमातियों को बॉर्डर पार कराया होगा। लिहाजा यह पता लगाना आवश्यक है कि उसने कितने लोगों की अवैध रूप से मदद की है। पुलिस उन सभी के बारे में पता कर उन्हें ट्रेस करने में जुटी हुई है। इमरान जिन्हें लेकर जा रहा था, वे अमरोहा के रहने वाले थे।

इमरान के साथ-साथ वे सभी लोग भी दबोचे जा चुके हैं, जिसे उसने बॉर्डर पार कराने का प्रयास किया था। उन सभी को आइसोलेशन में रखा गया है। इमरान उत्तर प्रदेश के लोनी का रहने वाला है। बता दें कि तबलीगी जमात के 2500 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ में छिपे हुए थे। यहाँ से निकल कर करीब 1500 देश के विभिन्न राज्यों में गए हैं। इनमें से अधिकतर को पुलिस ट्रेस कर चुकी है जबकि बाकियों की तलाश जारी है। कई जिलों में इनलोगों के मजहबी कार्यक्रम हुए थे और लॉकडाउन के बाद जो जहाँ थे, वहीं छिप गए। कई क्षेत्रों में पुलिस जब समुदाय विशेष बहुल इलाक़ों में इन जमातियों का पता लगाने गई तो पुलिस पर ही हमले किए गए।

इमरान मामले में अभी तक यूपी पुलिस ने कोई केस फाइल नहीं किया है। उसे गाजियाबाद के टीला मोड़ से दबोचा गया था। तबलीगी जमात वालों के कारण भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में काफ़ी वृद्धि आई है। जितने भी नए मरीज सामने आ रहे हैं, उनमें अधिकतर जमाती ही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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