केरल की सिस्टर लूसी कलपूरा को कॉन्वेंट में बंधक बनाने और प्रार्थना से रोके जाने का मामला सामने आया है। घटना सोमवार की है। कलपूरा को बंधक बनाने के आरोप में कॉन्वेंट के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
रेप के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ कोच्चि में हुए प्रदर्शनों में शामिल होने के कारण सिस्टर लूसी को पिछले दिनों चर्च की गतिविधियों से दूर कर कुराविलंगद कॉन्वेंट स्कूल छोड़ने के कहा गया था। उन्होंने इसके खिलाफ रोम के कैथोलिक चर्च में अपील कर रखी है।
लूसी ने बताया कि वह पिछले दो दिनों से कॉन्वेंट में नहीं थीं। रविवार को लौटी। सोमवार की सुबह जब प्रार्थना के लिए तैयार हुई तो कॉन्वेंट से निकल नहीं पाई। उसे बाहर से बंद कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। पुलिस के दखल के बाद कॉन्वेंट का गेट खोला गया।
Case against Kerala convent after nun alleges she was not allowed to attend masshttps://t.co/povYSPux32
— Hindustan Times (@HindustanTimes) August 19, 2019
कैथोलिक क्रिश्चन सोसायटी फ्रासिस्कन क्लेरिस्ट कॉन्ग्रिगेशन (FCC) के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि संगठन से बर्खास्तगी के बाद उन्हें 17 अगस्त को कॉन्वेंट छोड़ देना चाहिए था। एफसीसी के अधिकारियों ने कलाप्पुरा की 85 वर्षीय माँ को भी फैसले से अवगत कराते हुए उन्हें वापस ले जाने के लिए कहा है।
लूसी का कहना है कि संगठन उन्हें कानूनी रूप से कॉन्वेंट छोड़ने के लिए नहीं कह सकता क्योंकि उन्होंने बर्खास्तगी फैसले के खिलाफ वेटिकन में अपील दायर कर रखी है।
गौरतलब है कि, सिस्टर लूसी ने दुष्कर्म के आरोपित बिशप के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। उसके बाद FCC की उच्चस्तरीय समिति ने 11 मई को लूसी को बर्खास्त कर दिया। 7 अगस्त को उन्हें 10 दिनों के भीतर कॉन्वेंट खाली करने का फरमान सुनाया गया था।