शाहीनबाग में सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वाली ऐमन रिज़वी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक और वीडियो अपलोड किया है। वीडियो में वह मरकज़ निजामुद्दीन के सदस्यों पर कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के शुरुआती दौर में हुए कथित अत्याचारों पर गुस्सा जाहिर करती हुई नजर आ रही है। वह बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा विदेशी तबलीगी जमातियों के खिलाफ एफआईआर को खारिज करने और उस पर दिए गए आदेशों का उल्लेख करते हुए अपनी बात शुरू करती है।
रिज़वी अपनी वीडियो में दावा करते हुए कहती है कि भारत सरकार ने अपनी कथित लापरवाहियों से नागरिकों का ध्यान भटकाने के लिए मरकज़ सदस्यों पर भारत में कोरोनोवायरस फैलाने का आरोप लगाया। उसने कहा कि भारत सरकार ने महामारी से निपटने के लिए तब कोई कदम नहीं उठाया, जब चीन से कोरोना वायरस आया।
उसने यह भी आरोप लगाया कि क्योंकि पीएम मोदी और अंबानी और अडानी जैसे उद्योगपतियों के चीन के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए भारत सरकार मूकदर्शक बनी रही और चीनी वायरस को भारत में फैलने दिया।
रिज़वी ने आरोप लगाया कि सरकार ने भारत में हिंदू और संप्रदाय विशेष के बीच नफरत फैलाने के लिए कोविड -19 का इस्तेमाल किया। भारत सरकार कोरोना वायरस को मरकज़ के अंदर ले गई और इस बीमारी को संप्रदाय विशेष के लोगों के मत्थे मढ़ दिया। उसने कहा, “ज़बरदस्ती ये (सरकार) उसको मरकज़ ले के जाते हैं और उससे कहते हैं तू मुस्लिम है। जबरदस्ती उसे इस्लाम कबूल करवा देते हैं और वहीं से शुरू होती है देश में नफ़रत की राजनीति।”
रिजवी ने आगे दावा किया कि कोरोना वायरस फैलने के लिए मरकज़ दोषी ठहराने के बाद, संप्रदाय विशेष के लोगों को भारत में मारा गया और उनकी मॉब लींचिंग की गई। उसने कहा चूँकि मरकज़ से सिर्फ 30 मीटर की दूरी पर एक पुलिस स्टेशन है, इसलिए यह संभव नहीं है कि वहाँ कोई भी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हो या योजना बनाई जा सके। रिज़वी ने आगे कहा कि, मौलाना साद ने उस वक्त कहा था कि उन्होंने 1800 जामातियों को पहले ही मरकज़ से भेज दिया था और बाकी को भेजने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अचानक लॉकडाउन हो गया।
रिजवी ने दूसरे देशों से आए जमातियों के पासपोर्ट छीनने के लिए केजरीवाल को भी दोषी ठहराया। उसने कहा कि मार्च में हुए नाटक के कारण मरकज़ निज़ामुद्दीन अभी भी बंद है। इसके साथ ही रिज़वी ने अपने अनुयायियों से उन मीडिया हाउसों के खिलाफ भी एक अभियान शुरू करने के लिए भी कहा, जिन्होंने जमातियों को कोरोना वायरस फैलाने के लिए दोषी ठहराया था।
इसके अलावा रिज़वी ने दिवंगत कॉन्ग्रेस नेता राजीव त्यागी की मौत की मौत के पीछे भाजपा नेता संबित पात्रा का हाथ बताया। उसने आरोप लगाया कि समाचार चैनल की बहस में संबित पात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों की वजह से त्यागी की मृत्यु हो गई। उसने कहा कि मरने से पहले राजीव त्यागी के आखिरी शब्द थे, “इन मीडिया वालों ने मेरी जान ले ली। संबित पात्रा ने मेरी जान ले ली।”
मीडिया पर आरोप
रिजवी ने दावा किया कि मीडिया उन सभी के खिलाफ पक्षपाती है, जो संप्रदाय विशेष के लोगों के पक्ष में बोलते हैं। मीडिया वाले बोलने वालों के माइक को बहस के वक्त म्यूट पर लगा देते है, उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं कि वे किस पार्टी या विचारधारा के हैं। वे केवल न्यूज चैनल की बहस के दौरान बीजेपी के वक्ताओं को सिर्फ बोलने का मौका देते हैं।
कौन है ऐमन रिज़वी
ऐमन रिज़वी शाहीनबाग में सीएए के खिलाफ़ नियमित प्रदर्शन करने वाले चेहरों में से एक थी। उसने अपने एक यूट्यूब वीडियो में अपने अनुयायियों से गृह मंत्री अमित शाह की मृत्यु के लिए दुआ करने लिए कहा था। जब शाह कोविड-19 संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे। हालाँकि बाद में उसने अपने इस वीडियो को डिलीट कर दिया था।
वीडियो में उसने कहा था, “मैं 6 महीने से बोल रही हूँ। कोरोना का सिर्फ़ ड्रामा चल रहा है। कोई कोरोना नही है और अगर कोरोना है तो इस बार अमित शाह को मरना चाहिए। आप दुआ करें कि अगर वाकई इसे (अमित शाह) कोरोना हुआ है तो आप सब दुआ करें कि या खुदा ये मर जाए। हम कोरोना पर 1% तभी यकीन करेंगे जब अमित शाह मर जाएगा।”