Sunday, November 17, 2024
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मजनू-का-टीला गुरुद्वारे में फँसे सिखों को एक स्कूल में किया गया शिफ्ट, मनजिंदर सिंह सिरसा ने की थी सरकार से अपील

मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि गुरुद्वारा मजनू का टीला साहिब में दिल्ली की अलग-अलग जगहों से इकट्ठा हुए पंजाब के लोगों में से 205 को दिल्ली सरकार ने नेहरू विहार के एक स्कूल में शिफ़्ट कर दिया है, हमने दिल्ली और पंजाब सरकार से विनती की थी कि इन लोगों को उनके घरों तक पहुँचाया जाए।

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देश में घोषित किए गए लॉकडाउन के बीच 28 मार्च से उत्तरी दिल्ली के मजनू-का-टीला गुरुद्वारा में फँसे सिखों को दिल्ली सरकार ने नेहरू विहार के एक स्कूल में शिफ्ट करने का फैसला किया है। साथ ही सरकार ने फैसला लिया है कि सभी लोगों को क्वारंटाईन करके जाँच के लिए उनके सैंपल लिए जाएँगे।

वहीं मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि गुरुद्वारा मजनू का टीला साहिब में दिल्ली की अलग-अलग जगहों से इकट्ठा हुए पंजाब के लोगों में से 205 को दिल्ली सरकार ने नेहरू विहार के एक स्कूल में शिफ़्ट कर दिया है, हमने दिल्ली और पंजाब सरकार से विनती की थी कि इन लोगों को उनके घरों तक पहुँचाया जाए।

दरअसल, दिल्ली के मजनू का टीला इलाक़े में फँसे हुए लोगों की कुछ तस्वीरों को पोस्ट करते हुए पत्रकार आदित्य राज कौल ने एक ट्वीट किया था और अकाली दल, भाजपा और कॉन्ग्रेस- तीनों ही दलों से सवाल पूछा था कि वो किस चीज का इन्तजार कर रहे हैं? कौल ने बताया कि मजनू का टीला स्थित गुरुद्वारा में सिख समुदाय के क़रीब 400 लोग फँसे हुए हैं। पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही ये लोग वहाँ फँसे हुए हैं। क़ौल ने कहा कि न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार ने उनको सही जगह पहुँचाने की व्यवस्था की है।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि वो दोनों मुख्यमंत्रियों से हाथ जोड़ कर आग्रह करते हैं कि मजनू का टीला में फँसे लोगों को निकालें। उन्होंने बताया कि उनमें से कई लोगों को सर्दी-बुखार भी है और कई खाँस भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सबकी मेडिकल जाँच करानी ज़रूरी है लेकिन बार-बार आग्रह करने के बावजूद कैप्टेन अमरिंदर सिंह कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी उन सभी के खाने-पीने का ध्यान रख रही है और उन्हें सारी सुविधाएँ दी जा रही हैं लेकिन उन्हें वहाँ से निकाला जाना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है, जिसके लिए दिल्ली व पंजाब की सरकारों को व्यवस्था करनी चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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