Sunday, November 17, 2024
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सफूरा जरगर को कोर्ट ने दी सशर्त ईद पर कश्मीर जाने की परमिशन: रहेगी इस तकनीक से हर पल लोकेशन पर नजर

दिल्ली के शाहदरा जिला कोर्ट ने सफूरा जरगर को उनके होमटाउन कश्मीर जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। वह ईद के मौके पर 'अकीका' करने के लिहाज से कश्मीर में 1 माह रुकेंगी। इस दौरान उन्हें गूगल पर 'ड्रॉप ए पिन' के जरिए अपनी लोकेशन जाँच अधिकारी को देनी होगी।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों में आरोपित सफूरा जरगर को ईद के मौके पर उनके गृहनगर ‘कश्मीर’ जाने की इजाजत दिल्ली के एक कोर्ट ने दे दी है। कोर्ट ने बुधवार को (जुलाई 14, 2021) जरगर से कहा है कि वह गूगल मैप्स पर पिन ड्रॉप करके कश्मीर जा सकती हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में शाहदरा जिला न्यायालय ने सफूरा जरगर को ईद-उल-मिलाद के अवसर पर ‘अकीका’ करने के लिए कश्मीर जाने की अनुमति दी है। एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने जरगर की याचिका को इस शर्त पर स्वीकार किया कि वह जाँच अधिकारी की तरफ से किए जाने वाले सत्यापन के लिए गूगल मैप्स पर एक पिन डालेंगी जिससे उनकी लोकेशन पता चल सके।

बता दें कि सफूरा ने इस संबंध में एक याचिका फाइल की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका और उनके पति का घर किश्तवाड़ में है और उन्हें समारोह में शामिल होने के लिए कश्मीर जाना है। ऐसे में दिल्ली कोर्ट ने मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा,

“आवेदक ऑफिशियली ईमेल के माध्यम से जाँच अधिकारी को अपनी यात्रा का कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेगा। आवेदक गूगल मैप्स पर ‘ड्रॉप-ए-पिन’ करेगा ताकि जाँच अधिकारी आवेदक की उपस्थिति और स्थान को सत्यापित कर सके। जाँच अधिकारी के मोबाइल नंबर पहले से ही आवेदक को ज्ञात हैं और वर्तमान आवेदन में भी इसका उल्लेख किया गया है।”

मालूम हो कि सफूरा जरगर फिलहाल मानवीय आधार पर जेल से बाहर हैं और उन्हें निर्देश है कि यदि दिल्ली छोड़नी है तो इसके लिए कोर्ट से परमिशन लेनी होगी। इसी बाबत उन्होंने अपनी याचिका कोर्ट में दी थी। सुनवाई के दौरान जरगर की ओर से यह बताया गया कि उन्हें अपने होमटाउन में 30 दिनों के लिए यानी 16 जुलाई से 16 अगस्त तक अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने सशर्त उनकी बात मान ली।

उल्लेखनीय है कि जामिया की स्टूडेंट सफूरा जरगर दिल्ली दंगों के मामले में आरोपित हैं। सफूरा जरगर पर आर्म्स एक्ट, UAPA और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की धाराओं के तहत आरोप हैं। हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में उन्हें अप्रैल 10, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। फिर दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 जून 2020 को मानवता के आधार पर गर्भवती सफूरा जरगर को जमानत दे दी थी। इसके बाद 12 अक्टूबर को पिछले साल उन्होंने अपने बच्चे को जन्म दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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