नागरिक संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर शुरू होकर हिंदू विरोधी दंगों (Anti Hindu Riot) में बदले विरोध प्रदर्शन के मुख्य षडयंत्रकारियों में से एक शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की जमानत याचिका का गुरुवार (10 फरवरी) को सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने विरोध किया। उन्होंने अदालत में दलील दी कि शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान शरजील इमाम ने भड़काऊ भाषण देते हुए कहा था, “ये तो अभी ट्रेलर है, फिल्म तो अभी बाकी है।”
शरजील इमाम और खालिद उमर (Khalid Umar) के अलावा 5 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था। SPP प्रसाद ने इस दौरान शरजील इमाम और उसके भाई मुजम्मिल के बीच हुई बातचीत भी पेश की। उन्होंने बताया कि चैट में शरजील इमाम ने कहा: ‘हम दोनो ही मास्टरमाइंड हैं’ शाहीन बाग के।
Specific Chats between Sharjeel Imam and his brother Muzammil reveal that "hum dono hi mastermind hain" (of Shaheen Bagh and what is to follow): Prosecutor
— LawBeat (@LawBeatInd) February 10, 2022
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इस पर शरजील के वकील ने दलील दी कि उसके मुवक्किल की गिरफ्तारी साजिश रचने को लेकर नहीं, बल्कि गिरफ्तारी से पहले हुए भाषण को लेकर है। इस पर प्रसाद ने कहा कि इस तरह का तर्क देना गलत दिशा में दिया गया तर्क है। क्रिकेट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक टीम जब खेलती है तो हर खिलाड़ी का अपना महत्व होता है। अगर बल्लेबाजी के क्रम में ओपनर का विकेट गिर जाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि टीम ने खेल जीतने का इरादा छोड़ दिया।
इस दौरान सरकारी वकील प्रसाद ने चार्जशीट पढ़कर अदालत को बताया कि साजिशकर्ता कानूनी रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते थे और इसके लिए अराजकता फैलाना और हिंसा करना चाहते थे। SPP ने कहा, “मैं पहले ही दिखा चुका हूँ कि उमर खालिद ने शरजील इमाम को और उसने गुलफिशा को क्या निर्देश दिए थे। बैठक में दिए गए निर्देशों में साजिश स्पष्ट है।” उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘खिदमत’, ‘संविधान बचाओ’ जैसे व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे।
जमानत याचिका के विरोध में दलील देते हुए उन्होंने आगे कहा कि शरजील इमाम ने जंगपुरा एक्सटेंशन के बेसमेंट में एक सभा के बारे में एक संदेश भेजकर ‘MSJ’ के सदस्यों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। शरजील इमाम ने 15 दिसंबर 2019 की सुबह JNU में एक ढाबे पर MSJ कोर कमेटी के साथ मुलाकात की, ताकि उनकी भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जा सके। उन्होंने PFI, जमात ए इस्लामी हिंद और अन्य समूहों की मदद भी ली थी।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपित शरजील इमाम को जमानत देने के मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।