पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी के ख़िलाफ़ BSF जवानों द्वारा दिखाई जा रही सक्रियता से हताश होकर पशु तस्कर अब अपने मनसूबों को अंजाम देने के लिए नए-नए हथकंडे आजमाने लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक अब ये तस्कर पशुओं को सीमा पार ले जाने के लिए गायों की गर्दन के पीछे केले के पत्तों के साथ सॉकेट बम लगा रहे हैं। ताकि जवान इसकी चपेट में आ जाएँ और वे आसानी से तस्करी कर पाएँ। लेकिन सीमा पर तैनात जवान उनके इन इरादों को कामयाब नहीं होने दे रहे हैं। नई दुनिया की खबर के अनुसार 24/25 की रात बीएसएफ जवानों ने 365 गायों को अपनी जान पर खेलकर सीमा पार जाने से बचाया।
पशु तस्करों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इस नए तरीके को जानने के बाद बीएसएफ अधिकारी भी हैरान हैं। उनकी मानें तो बंगाल के साउथ बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने 25 की रात को ऑपरेशन के दौरान सीमावर्ती मालदा, उत्तर 24 परगना, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों से होकर बांग्लादेश की सीमा पार होने वाले 365 मवेशियों को जब्त किया।
जिसके बाद तस्करों ने बीएसएफ के जवानों पर घातक हमला किया, लेकिन फिर भी जवानों ने हार नहीं मानी और सीमा पार होने वाली अवैध तस्करी को नाकाम कर दिया।
गौरतलब है कुछ दिन पहले सीमा पार होने वाली इस अवैध पशु तस्करी को रोकने के प्रयास में एक जवान को अपना पंजा गँवाना पड़ा था क्योंकि उस समय इन तस्करों ने लगातार दो बार जवान पर देसी विस्फोटक से हमला किया था। इस घटना के बाद बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर दक्षिण बंगाल इलाके में अलर्ट जारी किया था, और दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के इंस्पेक्टर जनरल ने इस मामले पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए सभी फील्ड फॉर्मेशन को निर्देश दिए थे कि ट्रांस बॉर्डर क्रिमिनल के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई की जाए ।