Sunday, November 17, 2024
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यूपी पुलिस की पिस्टल छीन भाग रहा था, एनकाउंटर में ढेर हुआ ‘मौत का डॉक्टर’: पूर्व MLA की हत्या सहित 70 मामले थे दर्ज

जब ये एनकाउंटर हुआ, तब खरगापुर इलाके में हत्या में प्रयुक्त असलहे की तलाश के लिए यूपी पुलिस गिरधारी को लेकर पहुँची थी। उससे पहले उसे गिरफ्तार किया जा चुका था। गिरधारी विश्वकर्मा ने यूपी पुलिस का असलहा छीन कर भागने की कोशिश की थी।

लखनऊ के पॉश विभूतिखंड इलाके में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपित और कुख्यात शूटर गिरधारी विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया। जब ये एनकाउंटर हुआ, तब खरगापुर इलाके में हत्या में प्रयुक्त असलहे की तलाश के लिए यूपी पुलिस गिरधारी को लेकर पहुँची थी। उससे पहले उसे गिरफ्तार किया जा चुका था। गिरधारी विश्वकर्मा ने यूपी पुलिस का असलहा छीन कर भागने की कोशिश की थी।

इसके बाद पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हुई, जिसमें वो मारा गया। गिरधारी ने पुलिस से बचने के लिए वही तरीका अपनाया, जो कानपुर के बिकरू कांड के आरोपित विकास दुबे ने अपनाया था। विकास दुबे भी इसी तरह के एनकाउंटर में मारा गया था। गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे यूपी लाया गया। आउटर नॉर्थ जिले की स्पेशल स्टाफ पुलिस ने रोहिणी इलाके से उसे दबोचा था।

फिर गिरधारी को कानूनी कार्रवाई पूरी कर के लखनऊ लाया गया। रविवार (फरवरी 14, 2021) की रात यूपी पुलिस की टीम उस असलहे की बरामदगी के लिए उसे लेकर घटनास्थल तक पहुँची थी, जिसका उपयोग हत्याकांड में किया गया था। यूपी पुलिस अपने वाहन से गिरधारी को लेकर गई थी। वहाँ गाड़ी से उतरते समय ही उसने इंस्पेक्टर अख्तर उस्मानी का पिस्टल छीन कर पुलिस पर हमला कर दिया। फिर पिस्टल छीन कर भागने लगा।

पुलिस टीम के साथ SI अनिल सिंह भी मौजूद थे, जिन्होंने उसका पीछा किया। गिरधारी तब तक झाड़ियों में छिप कर भागने की फिराक में था। घटना की सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दी गई, जिसके बाद लखनऊ के एसीपी ईस्ट समेत कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुँची और गिरधारी को आत्मसमर्पण करने को कहा गया। घेराबंदी में वो लगातार लूटी हुई पिस्टल से फायरिंग कर के पुलिसकर्मियों को निशाना बनाता रहा।

जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिससे वो घायल हो गया। पुलिस ने इलाज के लिए उसे पास में स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमर्जेंसी वॉर्ड में पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सितम्बर 2019 में वाराणसी के तहसील सदर में माफिया मुन्ना बजरंगी के करीबी नितेश सिंह बबलू की दिनदहाड़े हुई हत्या में भी वो आरोपित था। उसे अपराध जगत में ‘डॉक्टर’ के नाम से भी जाना जाता था।

गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ़ कन्हैया जुलाई 19, 2013 में आजमगढ़ के जीयनपुर कस्बे में पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू सहित दो लोगों की हत्या में भी आरोपित है। वो अपने गिरोह डी-11 के सरगना आजमगढ़ के छपरा सुल्तानपुर निवासी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह का सबसे खास शॉर्प शूटर बन गया था। उस पर 70 से भी अधिक मामले दर्ज हैं। पूर्वांचल के एक माफिया सांसद का भी वो करीबी था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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