राजस्थान के चूरू जिले में सरदारशहर पुलिस स्टेशन के निलंबित पुलिस निरीक्षक के अलावा आठ पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिसवालों पर आरोप है कि उन्होंने एक दलित महिला को बंधक बनाकर रखा और उसके साथ बलात्कार किया।
35 वर्षीय दलित महिला, जो कि चार बच्चों की माँ है ने 9 पुलिसकर्मियों पर उसके साथ पुलिस स्टेशन में ही गैंगरेप का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला का आरोप है कि पुलिस ने चोरी के एक मामले में उसके देवर को 6 जुलाई को पकड़ा था। पुलिसवालों ने महिला के देवर को हिरासत में इतना प्रताड़ित किया कि उसकी मौत हो गई थी। महिला का आरोप है कि उसे भी अवैध तरीके से थाने में हिरासत में रखा गया और बलात्कार किया गया। अधिकारियों ने महिला के देवर की हिरासत के मौत मामले में न्यायिक जाँच के आदेश दिए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जयपुर के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल में भर्ती दलित महिला ने पुलिस को अपने बयान दर्ज कराए हैं। सरदारशहर के वर्तमान थानाधिकारी महेन्द्र दत्त शर्मा ने बताया कि शनिवार को महिला के बयान के आधार पर तत्कालीन थानाधिकारी और अन्य छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ रविवार को एफआईआर दर्ज की गई। मामले की जाँच सीआईडी-सीबी द्वारा की जा रही है।
महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके नाखून उखाड़ डाले और उसे प्रताड़ित करने के साथ उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। महिला के अनुसार, जब उसने पुलिसवालों को रोकने का प्रयास किया तो उसे बिजली के झटके दिए गए और पेट्रोल डालकर जला देने की धमकियाँ देकर डराया गया। उसे इतना पीटा गया कि उसकी आँखों, गले और हाथों से खून बहने लगा।
वहीं इस मामले में चुरू के एसपी राजेंद्र कुमार को हटा दिया गया है और डीएसपी भवंर लाल को भी सस्पेंड कर दिया गया है। डीएसपी के खिलाफ भी विजिलेंस की जाँच बिठाई गई है।
कॉन्ग्रेस MLA ने आरोपों को बताया झूठ
इस घटना के प्रकाश में आने पर बदनामी के डर से राजस्थान में सत्तारूढ़ कॉन्ग्रेस पार्टी के MLA ने पीड़ित महिला के आरोपों को झठ और साजिश बताया है। MLA भंवरलाल शर्मा का कहना है कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं।