बिहार के कटिहार जिले में एक महादलित महिला ने मोहम्मद शाह आलम नाम के मुस्लिम युवक पर अगवा कर जबरन धर्मान्तरित कराने और बच्चे की हत्या की धमकी देकर रेप करने का आरोप लगाया है। महिला ने शाह आलम के साथ ही उसके पूरे परिवार को आरोपित बनाया है। महिला का कहना है कि धमकी देकर एक कागज पर हस्ताक्षर करवाया गया और धर्मांतरित कर फातिमा नाम दे दिया गया। महिला का आरोप है कि शाह आलम के 6 लाख 54 हजार रुपये भी ले लिए।
ऑपइंडिया ने इस मामले में पीड़िता से बात की। पीड़िता मूल रूप से बंगाल के मालदा जिले की रहने वाली है और बिहार के शिक्षा विभाग में शिक्षा सेवक है। लगभग 31 साल की पीड़िता ने बताया कि 12 साल पहले हिंदू रीति-रिवाज से उसकी शादी हुई थी। पीड़िता ने बताया कि आरोपित उसे न सिर्फ उसे मारता-पीटता और रेप करता था, बल्कि यह बात किसी को बताने पर उसके बच्चे की हत्या करने की धमकी भी देता था। पीड़िता का कहना है कि शाह आलम कहता था, “मुस्लिमों को मरने के बाद जन्नत ही जन्नत (स्वर्ग ही स्वर्ग) है और हिंदू जो होता है, वो दोजख (नरक) के लिए होता है।”
पीड़िता ने रोते हुए पीड़ा सुनाई। उसने बताया, “बहुत मारता था, जो रात भर मेरे साथ रहता था। हमें बुलवाया जाता था, यहाँ-वहाँ। पूरा मारता था, पीटता था। पूरे-पूरे रात नोचता था बदन को। मेरा शोषण करता था। मेरा एक बच्चा है चार साल का, जो मेन गवाह है। उस बच्चे के सामने भी पीटा जाता था। बहुत पीटा जाता था।”
ऑपइंडिया के पास पीड़िता द्वारा दी गई शिकायत की कॉपी मौजूद है। शिकायत के मुताबिक, आरोपित शाह आलम उसके पति का दोस्त है। आरोपित उसके साथ नजदीकी बढ़ाने के लिए उसके स्कूल में भी आता-जाता था। जब पीड़िता ने शाह आलम से मेलजोल बढ़ाने से इनकार कर दिया, तब वह अपनी अम्मी शहारजान और 55 साल के अब्बू लतीफ़ को बहाने से उसके घर भेजना शुरू कर दिया। कभी-कभी आरोपित अपनी माँ के साथ भी पीड़िता के घर आ जाया करता था। यह बात उसकी सास को भी अच्छी नहीं लगती थी।
पीड़िता ने शिकायत में आगे बताया कि 4 जुलाई 2021 को शाह आलम अपने साथ तारिक, जुल्फिकार, अमीन और अपने जीजा को लेकर पीड़िता के स्कूल आया और उसे बुलाकर बोलेरो गाड़ी में बैठा दिया। उसी दौरान उसे नशीला पदार्थ सुँघाकर बेहोश कर दिया गया और एक अनजान जगह पर ले जाकर रात पर रखा गया। पीड़ित की मानें तो आरोपी शाह आलम को सरकारी मदरसे में मौलवी जीजा उसकी भरपूर मदद करता है।
पीड़िता ने बताया कि अगले दिन 5 जुलाई को उसे बरसोई कोर्ट के बाहर गाडी में बैठा कर रखा गया। करीब 1 घंटे बाद अंग्रेजी में लिखे एक शपथ पत्र पर जबरन हस्ताक्षर करवा करके इस्लाम कबूल करवा दिया गया। 100 रुपए के गैर न्यायिक स्टाम्प पर हस्ताक्षर कर उसे धर्मांतरित कर दिया गया, जिसमें उसका नाम फातिमा लिखा गया था। उसमें पीड़िता के मायके का पता और उनके मृत पिता का नाम लिखा गया है। पीड़िता ने बताया कि धर्मांतरण कराने के बाद उसे और उसके बच्चे को अनजान जगह पर आरोपित शाह आलम ले गया और मारपीट कर पीड़िता के साथ जबरन संबंध बनाया।
अपनी शिकायत में पीड़िता ने आगे बताया है, “इनकी आपसी बातचीत में मैं ये जान पाई कि धर्म परिवर्तन ही इनका मुख्य धंधा है। आरोपित कई हिन्दू लड़कियों को धर्मान्तरित कर चुके हैं। ये बहुत खतरनाक और खूंखार प्रवृति के लोग हैं। इन लोगों के आतंकियों से भी साँठ-गाँठ हैं।” पीड़िता ने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा कि आरोपित उसका जीना मुश्किल किए हैं और ये लोग उसके साथ किसी भी तरह की अनहोनी कर या करवा सकते हैं। पीड़िता ने इस मामले में ST/SC के तहत कार्रवाई की माँग की है।
पीड़िता की मदद करने वाले और इस विषय को मीडिया के आगे उठाने वाले कटिहार के संस्कृति संरक्षण परिषद के महामंत्री विनय भूषण ने ऑपइंडिया को बताया कि बहुत संघर्ष के बाद केस दर्ज करवाने में सफलता मिल पाई है। महिला कई दिनों से दलितों के लिए बनाए गए विशेष थाने और SP कटिहार से न्याय की गुहार कर रही थी, लेकिन उसे बार-बार झूठा आश्वासन मिल रहा था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने केस तो दर्ज किया, लेकिन अभी तक एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
कटिहार की एडिशनल SP रश्मि सिंह ने ऑपइंडिया को बताया कि महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की सघन जाँच हो रही है। जाँच के बाद जो भी आरोपित होगा उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।