उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों का सरगना ताहिर हुसैन अब पुलिस की गिरफ्त में है। चाँदबाग में हिंसा भड़काने और आईबी के अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को गुरुवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब खबर आ रही है कि दंगों में उसके भाई शाह आलम का भी हाथ था। हालाँकि अब तक उस पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। न ही उससे पूछताछ हुई है। इस बीच मौके का फायदा उठा वह फरार हो चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शाह आलम का नाम गवाहों ने अपने बयान में लिया है। इसके मद्देनजर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उससे पूछताछ करनी चाहती है। जब उसकी खोजबीन हुई तो पता चला कि वह फरार है। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि हिंसा वाले दिन शाह आलम अपने भाई यानी ताहिर हुसैन की छत पर दंगाइयों के साथ मौजूद था और हिंसा भड़काने में उसका बहुत बड़ा हाथ है।
हालाँकि, शाह आलम के खिलाफ अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं है, लेकिन क्राइम ब्रांच को पूछताछ में लोगों ने उसका नाम बताया है। इसलिए उसकी तलाश की जा रही है। चश्मदीदों का कहना है कि अंकित शर्मा को ताहिर के गुंडे उसकी इमारत में ले घसीटकर ले गए थे। बाद में उनका शव नाले से बरामद किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उन्हें 400 से अधिक बार गोदा गया था। चश्मदीदों ने बताया है कि इस इमारत में शाह आलम भी मौजूद था। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद ताहिर हुसैन भी फरार हो गया था। बाद में उसने दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम जमानत याचिका डाली। गुरुवार को अदालत में सरेंडर करने से पहले ही पुलिस ने दबोच लिया।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने ताहिर की खोज में बुधवार (मार्च 4, 2020) को यूपी के अमरोहा में भी छापेमारी की थी। ताहिर मूल रूप से यहीं का रहने वाला है। पुलिस के पहुँचने पर रिश्तेदार के घरों पर ताला लगा हुआ मिला। इसके बाद पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की। लोगों ने बताया कि मकान में चार दिन से ताला लगा हुआ है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ताहिर के पुश्तैनी गाँव पोरारा पहुँची। लेकिन वहाँ भी उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। बाद में पुलिस ने दबिश देकर ताहिर के ससुराल में भी छापेमारी की। मगर वहाँ से भी पुलिस को अभी कुछ हाथ नहीं लगा। अंकित शर्मा की हत्या को बांग्लादेशी आतंकियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि ताहिर के आतंकी लिंक की अंकित शर्मा जॉंच कर रहे थे। इसलिए दंगों की आड़ में उन्हें जान बूझकर निशाना बनाया गया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब अंकित की हत्या की गई उस वक्त वहॉं बांग्लादेशी आतंकियों के लोकेशन मिले हैं।