दिल्ली में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) 21 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर भी छापा मारा गया है। सीबीआई की ये कार्रवाई दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी को लेकर है। बता दें कि दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, “सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास सहित आबकारी नीति मामले में दिल्ली-एनसीआर में 21 स्थानों पर छापेमारी की है।”
Excise policy case | The 21 locations being raided by CBI also include the premises of the then Delhi Excise Commissioner Arava Gopi Krishna: Sources https://t.co/I8rNgJj3Kk
— ANI (@ANI) August 19, 2022
#WATCH | A CBI team reaches the residence of Deputy CM Manish Sisodia in Delhi. The agency is raiding 21 locations in Delhi-NCR in connection with the excise policy case, including Sisodia’s residence. pic.twitter.com/3txFCtiope
— ANI (@ANI) August 19, 2022
इस रेड को लेकर मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है, “सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है। इसलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-1 नहीं बन पाया।”
“CBI has arrived. We are honest, building a future for lakhs of children. Unfortunate that in this country, whoever does good work is hassled just like this, that is why our country is still not number-1,” tweets Delhi Dy CM Manish Sisodia as a CBI team reaches his residence. pic.twitter.com/q0WTNaWoyV
— ANI (@ANI) August 19, 2022
सिसोदिया ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, “हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जाँच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। अभी तक मुझ पर कई केस किए, लेकिन कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।”
उन्होंने कहा है, “ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं। इसलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है, ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें। हम दोनों के ऊपर झूठे आरोप हैं। कोर्ट में सच सामने आ जाएगा।”
छापेमारी से बिफरे अरविंद केजरीवाल
मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की छापेमारी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है, ”जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अख़बार NYT के फ़्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी। CBI का स्वागत है। पूरा सहयोग करेंगे। पहले भी कई जाँच/रेड हुईं, लेकिन कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा।”
दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है।इसे ये रोकना चाहते हैं।इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियो पर रेड और गिरफ़्तारी
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 19, 2022
75 सालों में जिसने भी अच्छे काम की कोशिश की,उसे रोका गया।इसीलिए भारत पीछे रह गया
दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे
उन्होंने आगे लिखा, “दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है। इसे ये रोकना चाहते हैं, इसलिए दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियों पर रेड और गिरफ़्तारी की कार्रवाई चल रही है। 75 सालों में जिसने भी अच्छे काम की कोशिश की उसे रोका गया। इसलिए भारत पीछे रह गया। लेकिन हम दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे।”
क्या है पूरा मामला?
यह मामला दिल्ली की आबकारी नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 से जुड़ा है। नीति में गड़बड़ी के आरोपों के बाद पिछले दिनों उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जाँच की सिफारिश की थी। एलजी ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया था। इस रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।
रिपोर्ट में क्या है?
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि GNCTD अधिनियम 1991, व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन किया गया। इसके अलावा एक्साइज पॉलिसी में नियमों को ताक पर रखकर शराब बेचने वालों को टेंडर बाँटे गए। इसी रिपोर्ट के आधार पर एलजी ने सीबीआई जाँच की सिफारिश की थी। जिसके बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे वापस लेने का फैसला लिया था।
गौरतलब है कि नई आबकारी नीति 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर से लागू किया गया था, जिसके अंतर्गत दिल्ली को 32 जोन में बाँटा गया था। इसके तहत शहर भर में 849 दुकानों के लिए निजी बोलीदाताओं को खुदरा लाइसेंस दिए गए थे। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों को टेंडर प्रक्रिया के जरिए 144.36 करोड़ रुपए का लाभ पहुँचाया।