Friday, November 22, 2024
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हाजिर होना ही होगा: CM केजरीवाल को दिल्ली के कोर्ट ने दिया झटका, शराब घोटाले में ED के सामने नहीं हो रहे हैं पेश

दिल्ली की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार (15 मार्च 2024) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में दिल्ली उत्पाद शुल्क के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा केजरीवाल के खिलाफ दायर मामले में मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने की माँग की गई थी। साथ ही उन्होंने अदालत में उपस्थित होने को लेकर छूट माँगी थी।

दिल्ली की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार (15 मार्च 2024) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में दिल्ली उत्पाद शुल्क के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा केजरीवाल के खिलाफ दायर मामले में मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने की माँग की गई थी। साथ ही उन्होंने अदालत में उपस्थित होने को लेकर छूट माँगी थी।

राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी) अधिनियम राकेश सयाल ने केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि इसके लिए वे मजिस्ट्रेट कोर्ट में ही अर्जी दाखिल कर सकते हैं। इस तरह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट की तरफ से करारा झटका लगा है।

दरअसल, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) दिव्या मल्होत्रा ने ED द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं को लेकर सीएम केजरीवाल को समन जारी किया था। कोर्ट ने उन्हें पहला समन 7 फरवरी 2024 को जारी किया गया था, वहीं दूसरी शिकायत पर 7 मार्च को समन जारी किया गया था। ACMM इन दोनों मामलों पर 16 मार्च को सुनवाई करेगा।

शराब घोटाले में पूछताछ के लिए ED अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत समन जारी की थी। हालाँकि, वे बार-बार समन की अनदेखी कर रहे थे। इसके बाद ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दी थी। वहीं, 17 फरवरी को केजरीवाल कोर्ट में वर्चुअली शामिल हुए थे और कहा था कि वे 16 मार्च को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होंगे।

हालाँकि, सुनवाई से ठीक दो दिन पहले सीएम केजरीवाल ने ACMM के दोनों आदेशों को चुनौती देते हुए सत्र अदालत के समक्ष याचिका दायर कर दी। हालाँकि, कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। सीएम केजरीवाल की तरफ से सीनियर वकील रमेश गुप्ता और राजीव मोहन पेश हुए।

वकील गुप्ता ने तर्क दिया, “सीएम एक लोक सेवक हैं। वे कहते हैं कि उन्हें उनकी व्यक्तिगत क्षमता में बुलाया गया था, लेकिन मैं रिकॉर्ड से प्रदर्शित करूँगा कि उन्हें समन उस मामले में भेजा गया था जो कि उनके सीएम रहते हुए उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित है।”

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे अपनी बहन की बेटी की शादी में जाना है। मैंने कहा कि मेरे अपने आधिकारिक कर्तव्य हैं। समन के बाद शामिल नहीं होने का मैंने कारण बता दिया है। इसलिए कोई जानबूझकर चूक नहीं कर रहा हूँ।”

बता दें कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी को लेकर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सासंद संजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता पहले से ही हिरासत में हैं। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि ED आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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