Monday, November 18, 2024
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वसीम रिजवी की ‘मुहम्मद’ पर बैन नहीं: दिल्ली हाई कोर्ट का सुनवाई से इनकार, सारी कॉपी नष्ट करने की थी डिमांड

'रिजवी' की किताब के विरुद्ध याचिका देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा था कि पुस्तक की सभी प्रतियों को नष्ट कर दिया जाए, जो बिक गई है उसे भी और जो नहीं बिकी है उसे भी। याचिका में यह माँग भी की गई थी कि प्रिंट की गई किताबों को वापस लिया जाए।

हाल ही में इस्लाम मजहब को त्यागकर हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र त्यागी उर्फ ‘वसीम रिजवी’ की किताब ‘मुहम्मद’ पर प्रतिबंध लगाने की माँग करने वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि पुस्तक में इस्लाम, कुरान और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की गई है।

कमर हसनैन द्वारा दायर याचिका में ‘रिजवी’ को भविष्य में इस तरह के कृत्य करने से रोकने के लिए 2,05,00,000 रुपए का हर्जाना देने की माँग की गई थी। इसके अलावा उन्होंने जितेंद्र त्यागी (वसीम रिजवी) को इस तरह के भड़काऊ बयान देने या उन्हें किसी भी मंच पर प्रकाशित करने से रोकने के लिए स्थायी रोक की माँग की थी।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि पुस्तक की सभी प्रतियों को नष्ट कर दिया जाए, जो बिक गई है उसे भी और जो नहीं बिकी है उसे भी। याचिका में यह भी माँग की गई थी कि प्रिंट की गई किताबों को वापस लिया जाए। हालाँकि जस्टिस संजीव नरूला की सिंगल-जज बेंच ने खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ता ने इस्लाम मानने वाले सभी लोगों की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और दावा किया था कि यह पुस्तक न केवल इस्लाम मानने वालों के लिए अपमानजनक है, बल्कि किसी अन्य पाठक के लिए भी आक्रामक, घृणित और परेशान करने वाली है। जस्टिस संजीव नरूला ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में आधार की कमी है क्योंकि जो राहत माँगी गई वह व्यक्तिगत रूप से नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि मामले को बनाए रखने के लिए, याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत कानूनी अधिकार या कानूनी क्षति होनी चाहिए जो कि वर्तमान मामले में नहीं है। ऐसे में उन्हें इस अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई अधिकार है। अदालत ने कहा कि याचिका की सुनवाई जारी रखने के लिए कानून का कोई प्रावधान नहीं दिखाया गया है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन ‘वसीम रिजवी’ ने सनातन धर्म अपनाया था। इसके साथ ही उनका नाम भी बदल गया। शुरू में कई मीडिया रिपोर्टों में रिजवी का नया नाम हरबीर नारायण त्यागी बताया गया, लेकिन उनका नाम जितेंद्र नारायण त्यागी रखा गया है। इस बात की पुष्टि ऑपइंडिया से स्वयं महंत नरसिंहानंद गिरि ने की थी। बता दें कि यति नरसिंहानंद ने ही वसीम रिजवी को हिंदू धर्म में शामिल करवाया था।

हिंदू धर्म अपनाने के बाद रिजवी ने कहा था, “मुगलों ने हमेशा परंपरा दी हिंदुओं को हराओ। जो पार्टी हिंदुओं को हराती है मुसलमान एकजुट होकर उसे वोट करते हैं। मुसलमान सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं को हराने के लिए वोट करता है। मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूँ।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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