दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार (08 जुलाई 2021) को संयुक्त राष्ट्र में पूर्व सहायक महासचिव और वर्तमान मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी की याचिका पर सुनवाई हुई। लक्ष्मी ने यह याचिका कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी के करीबी और कॉन्ग्रेस आईटी सेल से जुड़े ‘एक्टिविस्ट’ साकेत गोखले के खिलाफ दायर की थी। गोखले ने लक्ष्मी पुरी और उनके पति हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किए थे, जिसके खिलाफ लक्ष्मी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
कोर्ट में लक्ष्मी पुरी की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह पेश हुए। उन्होंने कोर्ट में लक्ष्मी और उनके पति की संपत्तियों का ब्यौरा पेश किया और कहा कि यह ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’ वाला मामला है, क्योंकि जब गोखले को ट्वीट करके भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के संबंध में नोटिस भेजा गया तब गोखले ने उल्टा यह आरोप लगा दिया कि उन्हें धमकाया जा रहा है।
लक्ष्मी की ओर से दलीलें पेश करते हुए सिंह ने कहा कि पहली बात तो यह कि वह कोई सरकारी मुलाजिम नहीं हैं और उन्हें जो भी करना था, वह कर चुकी हैं। इसके अलावा सिंह ने यह भी कहा कि गोखले होते कौन हैं सवाल उठाने वाले और यदि गोखले, लक्ष्मी के बारे में कुछ लिख रहे हैं तो यह उनका पहला कर्त्तव्य होना चाहिए कि कम से कम वो लक्ष्मी से इस बारे में बात करें और उनका रूख जानने की कोशिश करें।
Singh: First of all, I am not a public servant anymore. I have already served and done whatever I could. Secondly, who is he to question? Thirdly, forget any other law, it is the requirement of basic civility that if you’re going to write about me, ask me first what the stand is.
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
एडवोकेट सिंह ने कहा कि लक्ष्मी को चोर और लुटेरा कहा गया और अब यह कोर्ट की जिम्मेदारी है कि कोर्ट एक व्यक्ति के सम्मान और चरित्र की रक्षा करे। सिंह ने यह भी कहा कि कोर्ट को एक गैर-जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा लगाए गए बेहूदा आरोपों पर भी ध्यान देना चाहिए।
Singh: The only savior is the court. It becomes the burden of the court to save the character and honor of the person. These nonsensical allegations by those who have no stake, no accountability need to be addressed.
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
एडवोकेट सिंह के तर्कों के जवाब में साकेत गोखले की ओर पेश हुए एडवोकेट सरीम नावेद ने कहा कि किसी सरकारी नौकर और उसके परिवार की संपत्तियों के विषय में सार्वजनिक तौर पर प्रश्न उठाया जा सकता है। नावेद ने यह भी कहा कि कानून के मुताबिक किसी सरकारी नौकर और उसकी पत्नी की संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक विषय है। इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि इसकी एक सीमा होती है। कोर्ट ने नावेद से कहा, “इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी टॉम, डिक एण्ड हैरी किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने के लिए इंटरनेट पर किसी भी समय कुछ भी लिख सकता है और कानून के पास उसे रोकने के लिए कोई अधिकार नहीं है?”
Naved: The law is that assets of a public servant and their spouse is a matter of public comment.
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
HC: So you are saying any Tom, Dick and Harry can write anything, anytime on the internet to destroy someone’s reputation and the law has no place to restrict this?
इस पूरे मामले पर कोर्ट का यह कहना था कि किसी भी सरकारी कर्मचारी या उसके परिवार की संपत्ति के बारे में किसी भी प्रकार का दावा तब किया जाना चाहिए जब पहले उसका वैरिफिकेशन कर लिया गया हो। कोर्ट ने साकेत गोखले के वकील से कहा कि यदि मुद्दा उठाना ही है तो पहले चुनाव आयोग जाना चाहिए और संतुष्ट होना चाहिए और पूरी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। कोर्ट ने (गोखले के वकील नावेद से) यह भी कहा कि क्या एक नागरिक होने के नाते भारत का संविधान उनके मुवक्किल को यह अधिकार दे देता है कि वह किसी की भी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने का काम करें।
HC: If you have to raise issue please go to the Election Commission and follow due diligence and procedure.
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
Naved: My Lords, I am a citizen.
HC: What does that mean? That you can damage anyone’s reputation? Reputation is a fundamental right u/A.21.
सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया और कोर्ट के द्वारा इस मामले में अब सोमवार (12 जुलाई 2021) को निर्णय सुनाया जाएगा। लक्ष्मी पुरी की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सी. हरि शंकर के द्वारा सुनवाई की गई।
Delhi High Court reserves orders on a plea by former Assistant Secretary General, UN, Lakshmi Puri’s plea for alleged defamatory tweets by RTI activist @SaketGokhale on @Twitter. Gokhale has informed Court that he will not take down the said tweets. pic.twitter.com/pMrewyC6RH
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
ज्ञात हो कि अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखे गए थ्रेड के माध्यम से साकेत गोखले ने लक्ष्मी पुरी और उनके पति हरदीप सिंह पुरी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। गोखले ने आरोप लगाया था कि पुरी ने स्विटजरलैंड में 2.5 मिलियन डॉलर (लगभग 18.6 करोड़ रुपए) की कीमत का एक बंगला खरीदा है। साथ ही गोखले ने यह भी दावा किया कि इस बंगले की कीमत अदा करने के लिए पुरी दंपति के पास वैध आय के स्तोत्र नहीं हैं। इसके बाद लक्ष्मी ने गोखले को कानूनी नोटिस भेजा था और दिल्ली हाई कोर्ट में इस संबंध में याचिका भी दायर की थी।