दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (अगस्त 23, 2021) को तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद की अम्मी खालिदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश दिए कि पुलिस उनके परिवार (मौलाना साद की अम्मी) को मरकज के आवासीय हिस्से की चाबी सौंपे।
जानकारी के मुताबिक, पिछले वर्ष एक प्राथमिकी के मद्देनजर अधिकारियों द्वारा इस मरकज को बंद किया गया था। मगर, अब मौलाना साद की अम्मी खालिदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस योगेश खन्ना ने पुलिस को निर्दश दिया कि उन्हें दो दिनों के भीतर चाबियाँ सौंपीं जाएँ। वहीं अपने फैसले में कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि मरकज के आवासीय हिस्से में रहने वाले लोग संपत्ति के किसी भी गैर-आवासीय हिस्से में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
बता दें कि खालिदा की इस याचिका में निचली अदालत के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। उस आदेश में उन्हें उनके आवास में जाने से इनकार किया गया था। इस आवास की चाबी पिछले साल अप्रैल से पुलिस अधिकारियों के पास है।
कथिततौर पर, सुनवाई के समय अदालत ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि उक्त परिसर को सील करने या जब्त करने के संबंध में कोई आदेश नहीं है और यह पिछले साल अप्रैल से बंद है। कोर्ट ने इस मामले में नोटिस भी जारी कर दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और एसडीएम, डिफेंस कॉलोनी, नई दिल्ली से जवाब माँगा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जगह पर इस परिवार के 11 सदस्य रहते थे। याचिकाकर्ता खालिदा ने अपनी याचिका में बताया था कि 31 मार्च, 2020 को, अधिकारियों द्वारा सैनिटाइजेशन के उद्देश्य से पूरी निजामुद्दीन मस्जिद को खाली करवाया गया था और फिर उसको बंद कर दिया गया। इसके बाद अधिकारियों ने आवासीय हिस्से सहित मरकज की चाबियाँ 1 अप्रैल, 2020 को दिल्ली पुलिस को सौंप दी। याचिका में कहा गया है कि चाबियाँ सौंपे हुए कई महीने बीत जाने के बावजूद याचिकाकर्ता या उसके परिवार के सदस्यों को अपने आवास में प्रवेश करने से रोका जा रहा है।