दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल, 2022 को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान हुए दंगे के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक और आरोपित बाबुद्दीन को जमानत दे दी है। बाबुद्दीन की गिरफ्तारी 27 अप्रैल को हुई थी। तभी से वह हिरासत में था।
इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस योगेश खन्ना की एकल पीठ ने यह देखते हुए जमानत दे दी है कि उसे आगे की जाँच की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने यह भी नोट किया कि इस आरोपित के लिए चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है। साथ ही इस मामले के एक अन्य आरोपित को भी हाल ही में जमानत दे दी गई थी।
“Not Seen Instigating The Crowd”: Delhi High Court Grants Bail To Another Accused In Jahangirpuri Riots Case @nupur_0111 https://t.co/5O4WQle6b9
— Live Law (@LiveLawIndia) August 30, 2022
जहाँगीरपुरी दंगे मामले में बाबुद्दीन पर धारा 147, 148, 149, 186, 353, 332, 323, 427, 436, 307, 120B आईपीसी और आर्म्स एक्ट के सेक्शन 27 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया था कि आरोपित बाबुद्दीन दंगे को भड़का रहा था। दो CCTV फुटेज में उसकी पहचान भी की गई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चलता है कि बाबुद्दीन बस खड़ा था और वह भीड़ को उकसाता हुआ नहीं दिखा।
कोर्ट ने यह भी कहा “पुलिस अधिकारी (ASI) जोगिंदर ने बयान दिया है कि वह कथित रूप से भीड़ का नेतृत्व कर रहा था। हालाँकि, प्रशासन की ओर से इसे साबित करने के लिए कुछ सीसीटीवी फुटेज दिखाने के कई तारीखें ली गई हैं, लेकिन अब तक उन्हें पेश नहीं किया गया है।”
बीस हजार रुपए में मिली जमानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबुद्दीन को 20000 रुपए के निजी मुचलके में जमानत दी है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने बाबुद्दीन को जमानत देने से इनकार कर दिया था। ट्रायल कोर्ट ने देखा था कि घटना के दिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसकी पहचान की गई थी। यही नहीं, एक चश्मदीद, हेड कॉन्स्टेबल ने भी दंगों में बाबुद्दीन की भूमिका को लेकर बयान दिया था।
हालाँकि, आरोपित ने इस मामले में अपना बचाव करते हुए कहा था कि न तो उसकी दुकान या घर और न ही वह कैमरा जिसे अभियोजन पक्ष ने पेश किया था, उस रास्ते में आता है जहाँ दंगे हुए थे।
जहाँगीरपुरी दंगे के आरोपित बाबुद्दीन की जमानत याचिका में कहा गया है कि आरोपित का सह-आरोपित अंसार से कोई संबंध नहीं था। अभियोजन पक्ष भी उन दोनों के संबंधों को साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं कर सका है।
क्या है जहांगीरपुरी दंगा…
बता दें दिल्ली के जहाँगीरपुरी में दंगा 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन हुआ था। इस दंगे को लेकर पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि हिन्दुओं द्वारा निकाली जा रही शोभायात्रा पर हमला करने के लिए सी ब्लॉक की मस्जिद के सामने साजिश के तहत भीड़ पहले से मौजूद थी।
इसके बाद शोभायात्रा में मौजूद लोगों पर खतरनाक हथियारों से वहाँ की भीड़ ने हमला कर दिया था। शोभायात्रा में शामिल लोगों पर शीशे की बोतल और पत्थर भी फेंके गए। इसके बाद यात्रा में मौजूद लोगों ने भी विरोध किया और माहौल धीरे-धीरे दंगे में बदल गया। इस दंगे में आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी जख्मी हुए थे।