दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई 2024) को गूगल और एक्स (पूर्व में ट्विटर) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी को लेकर किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का निर्देश दिया। इन पोस्ट में ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला पर आरोप लगाया गया था कि अपने पिता के प्रभाव के कारण वह अपने पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
जस्टिस नवीन चावला ने अपने अंतरिम आदेश में एक्स (ट्विटर) तथा गूगल को 24 घंटे के भीतर इन पोस्ट को हटाने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने अज्ञात व्यक्तियों को बिरला के खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगाने से रोक दिया। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया बिरला यह साबित करने में सक्षम हैं कि विचाराधीन पोस्ट मानहानिकारक हैं।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, बिरला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर पेश हुए। नायर ने तर्क दिया कि इसी तरह का आरोप पहले भी वर्ष 2021 में सामने आया था। उन्होंने कहा कि उस वक्त समाचार प्रकाशनों द्वारा तथ्य-जाँच के बाद बिरला के IRPS अधिकारी होने का खुलासा होने के बाद विवाद शांत हो गया था।
अंजलि बिरला की ओर से नायर ने कोर्ट में बताया, “मैं वर्ष 2021 में एक अधिकारी बन गया था, लेकिन अब अचानक ये चीजें फिर से सामने आ गई हैं, क्योंकि NEET और UPSC परीक्षा विवाद चल रहा है। इससे (सोशल मीडिया पोस्ट से) ऐसा लगता है कि हम सभी इसका हिस्सा हैं… मेरी निजी तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट की जा रही हैं और कहा जा रहा है कि मैं एक मॉडल हूँ।”
दरअसल, कई मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया कि अंजलि बिरला पेशे से मॉडल हैं और अपने पिता के ‘शक्तिशाली पद’ की वजह से उन्होंने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर ली। हालाँकि, अंजलि बिरला ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि ये सोशल मीडिया हैंडल उनके पिता को बदनाम करने के लिए संचालित किए जा रहे हैं।
इन सोशल मीडिया के खिलाफ अंजलि बिरला ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अपनी याचिका में अंजलि बिरला ने एक्स (ट्विटर), गूगल और अज्ञात लोगों को पक्ष बनाया और उनके पोस्ट हटाने की माँग की। उन्होंने 16 एक्स अकाउंट का विवरण दिया, जिनके खिलाफ राहत माँगी गई थी। इनमें यूट्यूबर ध्रुव राठी का पैरोडी अकाउंट भी शामिल है।
सोशल मीडिया पोस्ट में किए गए दावों के विपरीत अंजलि बिरला आईएएस नहीं, बल्कि IRPS अधिकारी हैं। वह साल 2019 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में शामिल हुई थी। इसके बाद वह अप्रैल 2021 में आयोग में शामिल हुईं। उन्होंने पिछले साल अपना अनिवार्य प्रशिक्षण पूरा किया है।