दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों से पहले भड़काऊ बयानबाजी करने वाले शरजील इमाम को दिल्ली हाईकोर्ट ने बेल दी है। उस पर आरोप है कि उसने 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भाषण देकर लोगों को भड़काया था, जिसके बाद उस पर देशद्रोह और यूएपीए का मामला दर्ज हुआ था।
अब दिल्ली कोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार और जस्टिस मनोज जैन ने इसी मामले में उसे बेल दी है। हालाँकि कहा जा रहा है कि भड़काऊ भाषण मामले में जमानत पाने के बाद भी शरजील इमाम जेल में रहेगा क्योंकि उसे दिल्ली दंगा मामले में राहत नहीं मिली है।
#Breaking
— Bar and Bench (@barandbench) May 29, 2024
Delhi High Court grants bail to Sharjeel Imam in the sedition and UAPA case for allegedly making inflammatory speeches in Delhi's Jamia area and Aligarh Muslim University.#DelhiHighCourt #SharjeelImam #Bail pic.twitter.com/uiYHOlQ9Dl
बता दें कि इससे पहले दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने 17 फरवरी 2024 को शरजील को कोई भी राहत देने से इनकार किया था। जज ने कहा था कि CAA के खिलाफ शरजील इमाम के भाषणों और अन्य गतिविधियों में लोगों को हथियार उठाने या मारने के लिए नहीं कहा गया, लेकिन इसके कारण लोग लामबंद हुए। इसके कारण दिल्ली में अशांति फैल गई।
अदालत ने कहा था कि शरजील इमाम के भाषण इतने भड़काऊ (Powerful) थे कि इसने विशेष समुदाय (मुस्लिम) लोगों की कल्पना पर कब्जा कर लिया और उन्हें विघटनकारी गतिविधियों में भाग लेने के लिए उकसाया। शरजील ने सोशल मीडिया और अपने भाषणोें में वास्तविक तथ्यों से छेड़छाड़ की और शहर में तबाही मचाने के लिए लोगों को उकसाया। जिसके कारण फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे हुए।
गौरतलब है कि शरजील इमाम के खिलाफ द्रेशद्रोह और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज है। साल 2019 में दिल्ली के जामिया इलाके और फिर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में शरजील इमाम ने भड़काऊ भाषण दिया था। इन्हीं मामलों में जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जज ने टिप्पणी की थी और अब इन्हीं पर उसे दिल्ली कोर्ट ने राहत देने का निर्णय लिया है।