जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा की जाँच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध करने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान छात्र दंगाइयों को किसी भी तरह से अंतरिम संरक्षण प्रदान करने से इनकार करने वाले फैसले पर ‘शेम-शेम’ का नारा लगाने वाले वकीलों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।
Delhi High Court says we are referring this matter to a Committee which will take an appropriate decision https://t.co/aFXjid1SI3
— ANI (@ANI) December 20, 2019
हाई कोर्ट ने अदालत परिसर में नारेबाजी के प्रकरण की जाँच के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। समिति गहराई से जाँच के बाद दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई पर उचित दिशा-निर्देश देगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले की जाँच के लिए एक कमिटी बनेगी जो कार्रवाई को लेकर उचित फैसला करेगी। इसके पहले कुछ वकीलों ने अदालत से गुजारिश की थी कि वह गुरुवार (दिसंबर 19, 2019) को अदालत परिसर में हुई नारेबाजी का स्वतः संज्ञान लेते हुए दोषी वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करे।
बता दें कि अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को एक नोटिस भी जारी किया, जिसमें जामिया मिलिया इस्लामिया की घटना पर जवाब दाखिल करने को कहा गया। अदालत इस मामले की सुनवाई आगामी 4 फरवरी को करेगी। इतनी लंबी तारीख़ मिलने पर याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से इसे और जल्दी देने की माँग की तो कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। जिसके बाद हाईकोर्ट के फ़ैसले से असंतुष्ट, वकीलों की लॉबी ने कथित तौर पर न्यायाधीशों पर ‘Shame on you’ के नारे लगाना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में रविवार (दिसंबर 15, 2019) को दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा हुई थी। रविवार शाम प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूँक दी। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने बसों और वाहनों में आग लगा दी। जामिया में इस हिंसा के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के अलावा जेएनयू और दूसरे संगठनों के लोगों ने भी पुलिस मुख्यालय पर देर रात प्रदर्शन किया। देर रात पुलिस द्वारा 50 छात्रों को रिहा करने के बाद सोमवार (दिसंबर 16, 2019) सुबह 4 बजे प्रदर्शन खत्म हुआ। जामिया कैंपस में 5 जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी गई है।