कोरोना वैक्सीन की कमी के मद्देनजर बुधवार (जून 2, 2021) को हाई कोर्ट ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार लोगों को तय समय में भारत बॉयोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की दोनों खुराकें मुहैया ही नहीं करवा सकती तो उसे इतने जोर-शोर से टीकाकरण केंद्र खोलने ही नहीं चाहिए थे।
कोवैक्सीन के दूसरे डोज को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में दो याचिकाएँ दाखिल हुई थीं। एक वकील आशीष वीरमानी ने दायर की थी, जिन्हें 3 मई को कोवैक्सीन की पहली खुराक लगी। लेकिन वह 29 मई तक अगले शॉट के लिए बुकिंग नहीं करवा सके। अब चूँकि उन्हें 6 हफ्तों में अगली खुराक लेनी ही थी, इसलिए वह मेरठ से दूसरी खुराक लेकर आए।
कोर्ट में दायर इन याचिकाओं में माँग की गई थी कि जिन लोगों को कोवैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, उन्हें तय समय पर दूसरी डोज भी लगाई जाए। इन्हीं याचिका पर हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रेखा पल्ली ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करके उनसे जवाब माँगा। कोर्ट ने पूछा कि क्या वह कोवैक्सीन की पहली खुराक ले चुके लाभार्थियों को 6 हफ्ते की समय-सीमा खत्म होने से पहले दूसरी डोज मुहैया करवा देंगे।
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या वह पहले डोज के बाद 6 हफ्तों के भीतर लोगों को दूसरी डोज दे सकते हैं? कोर्ट ने ये भी कहा, “अगर आप कोवैक्सीन की दूसरी डोज नहीं दे सकते तो फिर इतने धूमधाम से वैक्सीनेशन सेंटर क्यों शुरू किए?”
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “यदि आप सुनिश्चित नहीं थे कि आप दूसरी खुराक भी दे सकते हैं तो आपने (दिल्ली सरकार) इसे (टीकाकरण) क्यों शुरू किया? आपको रुक जाना चाहिए था। महाराष्ट्र रुक गया जब उसे लगा कि वह दूसरी खुराक नहीं दे सकता। आपने हर जगह इतने धूमधाम से कितने टीकाकरण केंद्र खोले और अब आप कहते हैं कि आपको पता नहीं है कि दूसरी खुराक का स्टॉक कब उपलब्ध होगा।”
कोर्ट ने इस मामले में दायर दो याचिकाओं के संबंध में केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि राजधानी दिल्ली में कोविशील्ड और कोवैक्सीन की दूसरी खुराकें उपलब्ध कराई जाएँ।
बता दें कि दिल्ली में अब तक 54.09 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 41.85 लाख को पहली और 12.24 लाख को दोनों डोज लग चुकी हैं। दिल्ली सरकार की बुलेटिन के मुताबिक, 1 जून की सुबह तक दिल्ली के पास कोविशील्ड के 3.98 लाख और कोवैक्सीन की 48,430 डोज बची हैं।