दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली और एनसीआर के राज्यों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। इस पर केंद्र का रुख यह है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) की जगह कार पुलिंग करें, ताकि सड़क पर केंद्र सरकार के वाहनों की संख्या कम हो।
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि आयोग ने ट्रक बैन के साथ ही सभी एनसीआर राज्यों को सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने और अगले आदेश तक ऑनलाइन कक्षाएँ आयोजित करने का निर्देश दिया। SG ने SC को बताया कि आयोग ने सुझाव दिया कि NCR राज्य 21 नवंबर तक कम से कम 50% कर्मचारियों के लिए WFH की अनुमति दें।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चार छूट वाली श्रेणियों (रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधित प्रोजेक्ट) को छोड़कर सभी निर्माण गतिविधियों को 21 नवंबर तक रोकना होगा। आयोग ने कमजोर हॉटस्पॉट्स में दिन में कम से कम तीन बार स्मॉग टॉवर, स्प्रिंकलर और डस्ट सप्रेसेंट के उपयोग का भी निर्देश दिया। आयोग ने एनसीआर राज्यों को आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल जेनरेटर सेट के उपयोग पर सख्ती से प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। वाहनों के प्रदूषण पर एसजी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि आयोग ने (राज्य) अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को चलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
वहीं दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर पराली जलाने की दर 3-4% है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह एक कारण है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि वो प्रदूषण के मुद्दे से न भटकें। उन्होंने जो मुद्दा उठाया है वो प्रासंगिक नहीं है। कोर्ट ने ये भी कहा कि उन्होंने अपने आदेश में किसानों से दो सप्ताह के लिए पराली न जलाने का अनुरोध करने के लिए कहा है।
इससे पहले सोमवार (15 नवंबर 2021) को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से वायु प्रदूषण के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने को कहा था। इसके बाद मंगलवार (16 नवंबर 2021) को कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के सेक्रेटरी आरपी गुप्ता, कमीशन के चेयरमैन एमएम कुट्टी, हरियाणा के मुख्य सचिव, डीजीपी प्रशांत अग्रवाल, राजस्थान के मुख्य सचिव, यूपी के मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी, यूडी, ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री के अधिकारी मौजूद रहे।