नागरिकता संशोधन विधेयक आने के बाद दिल्ली के जामिया नगर में खूब बवाल हुआ। छात्रों और पुलिस के बीच टकराव की खबरें सैलाब की तरह सोशल मीडिया पर फैल गई। उपद्रवियों के ख़िलाफ पुलिस के एक्शन को छात्रों पर हमला बताया गया और जगह-जगह उनकी कार्रवाई की निंदा हुई। बावजूद इसके पूरे मामले के मद्देनजर 10 लोग गिरफ्तार हुए। पुलिस ने बताया कि उनके द्वारा किसी छात्र को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही उन्होंने इस टकराव में एक भी गोली चलाई है।
पुलिस के मुताबिक, इस पूरे मामले में गिरफ्तार किए गए सभी 10 लोग के बारे में जाँच की जा रही है। साथ ही अन्य लोगों की भी पकड़ने की कोशिश जारी है। गिरफ्तार आरोपितों की जाँच में पुलिस ने पाया है कि इन लोगों का पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रह चुका है। जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए 2 एफआईआर दर्ज की हैं।
Ministry of Home Affairs Sources: No bullets fired from Delhi Police during Jamia protest. All 10 persons detained have criminal background. More anti-social elements being tracked. pic.twitter.com/y6dkULIn7X
— ANI (@ANI) December 17, 2019
गौरतलब है कि बीते दिनों मोदी सरकार, उनकी नीतियों और नए कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया नगर में विरोध प्रदर्शन करने के लिए बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हुए। जिसमें जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र भी शामिल थे। इसी दौरान कुछ अराजक तत्वों ने विरोध को दंगे का रूप देने के लिए बसों में आग लगा दी और पुलिस पर पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस छोड़ने पड़े, ताकि भड़की भीड़ को रोका जा सके।
Three of ten criminals are history sheeters (declared bad characters of the area). All identified through CCTV and video Footage: Delhi Police https://t.co/rLZMbfraDt
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) December 17, 2019
बता दें कि सोमवार को ये मामला हल्का पड़ने के बाद आज इस मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जिसके बारे में जामिया यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने खुद जानकारी देते हुए बताया है कि उसके कैम्पस में 750 फेक आईडी कार्ड मिले हैं। कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में बाहरी लोग घुसपैठ कर रहे हैं और 750 फ़र्ज़ी आईडी कार्ड का मिलना संदेह पैदा करता है। जामिया के प्रॉक्टर ने हिंसा के लिए इसी घुसपैठ को जिम्मेदार ठहराया है। जामिया की कुलपति नज़मा अख्तर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यूनिवर्सिटी कैम्पस में बाहर से लोग आ रहे हैं और वो फ़र्ज़ी आईडी कार्ड बना कर रह रहे हैं।