राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जिस तरह से कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रही है, उसी तरह मोदी विरोधी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी लगातार फेक न्यूज की लहर चला रहे हैं।
दिल्ली के वकील और कॉलमनिस्ट दुष्यंत ने रविवार को ट्वीट किया कि कई लोग उनके पास यह शिकायत लेकर आए हैं कि दिल्ली पुलिस उन्हें महामारी के बीच अपने व्हाट्सएप ग्रुप समेत दूसरे क्राउडसोर्सिंग प्रयासों को बंद करने के लिए धमकी दे रही है। बता दें कि दुष्यंत राहुल गाँधी के करीबी और कॉन्ग्रेस के कट्टर समर्थक हैं।
दिल्ली की पुलिस के खिलाफ दुष्यंत के ट्वीट के बाद NDTV की गार्गी रावत अंसारी ने सोशल मीडिया पर उन्हें ज्वाइन किया। गार्गी ने ट्वीट किया, “क्या दिल्ली पुलिस इन वॉलंटियर्स के खिलाफ काम कर रही है, क्योंकि वे दुर्लभ संसाधनों को उपलब्ध करवा रहे हैं। दिल्ली पुलिस वॉलंटियर्स द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों को रोकने की कोशिश कर रही है।”
गार्गी रावत अंसारी का विवाह पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मुख्तार अहमद अंसारी के पड़पोते यूसुफ अहमद अंसारी से हुआ है। हाल ही पंजाब से उत्तर प्रदेश लाए गए कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की वह करीबी रिश्तेदार हैं।
सोशल मीडिया पर इन मोदी विरोधियों ने इसी तरह के और मैसेज करके दिल्ली पुलिस पर “व्हाट्सएप रिलीफ ग्रुप” को बंद करवाने का आरोप लगाया।
दुष्यंत के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कई अन्य लोगों ने भी दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया, कि लॉकडाउन के दौरान जब अंतरराज्यीय बस सेवा नहीं चल रही थी तो केजरीवाल सरकार ने प्रवासियों को यूपी की सीमा तक पहुँचाने के लिए बसें चलवाई थी। लेकिन उस, दौरान भी दिल्ली पुलिस ने वॉलंटियर्स को काफी परेशान किया था।
खास बात यह है कि जितने भी दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं, उनका कोई भी सबूत नहीं है।
गार्गी रावत अंसारी और दुष्यंत के ट्वीट करने के बाद सोशल मीडिया पर कॉपी-पेस्ट टूलकिट गैंग सक्रिय हो गई और इसी तरह के मैसेजेज की सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गई।
जैसा ट्वीट दुष्यंत ने किया था, ठीक उसी तरह का ट्वीट पीकू नाम की यूजर ने किया। ट्विटर पर राइजिंग सुरभि नाम की यह यूजर आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया कार्यकर्ता हैं और AAP के कई नेता इन्हें फॉलो करते हैं।
कई लोगों ने इसी मैसेज को दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैला दिया। इसमें यह दावा किया गया कि पुलिस सहयोग करने के सभी कार्यों को बंद करने के लिए वॉलंटियर्स को मजबूर कर रही है।
यहाँ हम दिल्ली पुलिस के बारे में फेक न्यूज फैला रहे सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के कुछ ट्वीट दिखाते है।
Kisse कहानियाँ नाम के यूजर को ट्विटर पर 4,400 लोग फॉलो करते हैं। इसमें कई पत्रकार, नेता भी शामिल हैां
आप देश सकते हैं कि किस्से कहानियाँ को कई कॉन्ग्रेस के नेता और समर्थक फॉलो करते हैं।
इसी तरह, कई राजनेताओं, पत्रकारों और एक्टिविस्ट काकुल पराशर को भी फॉलो करते हैं।
हालाँकि, दिल्ली पुलिस ने प्रोपागैंडाबाजों के आरोपों का खंडन किया है।
Vested groups spreading misinformation on social media alleging Delhi Police has prevented those engaged in amplifying resource information publicly. #DelhiPolice response is appended. It doesnt prevent good Samaritan work while opposed to those benefiting at cost of public good. pic.twitter.com/yqYyF32AZX
— #DilKiPolice Delhi Police (@DelhiPolice) April 25, 2021
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह इस तरह के पूर्वाग्रह से प्रेरित, असत्यापित और निराधार आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए वॉलंटियर्स से संसाधन और जानकारी बढ़ाने के लिए कहा है। पुलिस ने यह भी कहा कि कोरोनो वायरस संकट के बीच ऑक्सीजन की आपूर्ति और अन्य आवश्यक मदद करने के लिए वे वे घुटनों के बल खड़े हैं और इस तरह के दुष्प्रचार उन्हें अच्छे कार्यों को करने से नहीं रोक सकते हैं।
साजिश के तहत फैलाई गई फेक न्यूज
कोरोना वायरस के संबंध में फेक न्यूज फैलाने के मामले में शनिवार (24 अप्रैल 2021) को केंद्र सरकार ने ट्विटर से फेक, दुर्भावनापूर्ण और भ्रामक ट्वीट्स को हटाने के लिए कहा था। विनोद कापरी, स्वरा भास्कर और अनारकली जैसी फिल्मों के निर्माता अविनाश दास ने कई सारे पुराने और भ्रामक तस्वीरें शेयर की थी। इसके अलावा हंसराज मीणा जैसे राजनीतिक कार्यकर्ता ने भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल यह बताने के लिए किया कि कोरोना वायरस एक धोखा और साजिश है। यह बीमारी है ही नहीं।