दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत गिरफ्तार किए गए हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के आरोपितों को जमानत देने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पुलिस ने जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जे भमभानी की बेंच द्वारा मंगलवार को दिए गए फैसले के खिलाफ बुधवार सुबह (16 जून 2021) सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है।
Delhi police file a Special Leave Petition (SLP) before the Supreme Court challenging Delhi High Court’s order granting bail to Pinjra Tod activists Devangana Kalita and Natasha Narwal and Jamia student Asif Iqbal Tanha, in connection with northeast Delhi violence case. pic.twitter.com/FcfAE2POqF
— ANI (@ANI) June 16, 2021
दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना था कि प्रथम दृष्टया तीनों आरोपितों पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा के खिलाफ दिल्ली दंगों के मामले में रिकॉर्ड की गई सामग्री के आधार पर धारा 15, 17 या 18 यूएपीए के तहत कोई अपराध नहीं बनाया गया था। हाईकोर्ट की बेंच ने दिल्ली दंगों के मुख्य साजिशकर्ता इन आरोपितों को मंगलवार को 50 हजार के निजी बॉन्ड पर जमानत दी थी।
गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में दिल्ली की सड़कों पर हिंदू विरोधी दंगे फैलाने में इन तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर संख्या 59/2020 में दिल्ली पुलिस ने आसिफ तन्हा, नताशा नरवाल और देवांगना कलिता समेत कुल 15 लोगों को नामजद किया था। पुलिस ने दावा किया कि तन्हा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA) के विरोध में दिल्ली में दंगे कराने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र और 2014 से छात्र व इस्लामवादी संगठन SIO के सदस्य आसिफ को मई 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पूर्वी दिल्ली के दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, हिंदू विरोधी दिल्ली दंगे के मामले में पिंजरा तोड़ की नताशा नरवाल और देवांगना कलिता 23 मई 2020 को गिरफ्तार किया था। सीलमपुर, जाफराबाद और ट्रांस-यमुना के स्थानीय लोगों ने पिंजरा तोड़ कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रीय राजधानी में दंगे भड़काने का आरोप लगाया था।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 24 फरवरी 2020 में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 400 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले में खालिद, इशरत जहाँ, ताहिर हुसैन, मीरान हैदर, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, आसिफ इकबाल तन्हा और शिफा उर रहमान का नाम सामने आया था।