गणतंत्र दिवस के मौके पर हुए किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में तीन सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। ये पुलिस कर्मी लाल किला, आईटीओ और नांगलोई समेत बाकी जगह पर हुई हिंसा के दौरान घायल हुए। वहीं अब इनमें से घायल कुछ पुलिसकर्मियों ने कल हुई घटना का आँखों देखा मंजर बयान किया है।
हिंसा के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद थाने के एसएचओ पीसी यादव ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि कैसे भीड़ ने उन्हें घेरकर मारा और क्यों पुलिस इतना सब कुछ होने के बावजूद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर पाई।
#WATCH | We were deployed at Red Fort when many people entered there. We tried to remove them from the rampart of the fort but they became aggressive….We didn’t want to use force against farmers so we exercised as much restraint as possible: PC Yadav, SHO Wazirabad. #Delhi pic.twitter.com/v6o7D57EAk
— ANI (@ANI) January 27, 2021
एसएचओ पीसी यादव ने बताया कि, “हम लाल किले में तैनात थे जब कई लोग वहाँ घुस गए। हमने उन्हें लाल किले की दीवार से हटाने की कोशिश की, लेकिन वे आक्रामक हो गए। हम किसानों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करना चाहते थे, इसलिए हमने यथासंभव संयम बरता।”
वहीं डीसीपी नॉर्थ, दिल्ली के ऑपरेटर संदीप ने बताया, “कई हिंसक लोग अचानक लाल किला पहुँच गए। नशे में धुत किसान या वे जो भी थे, उन्होंने हम पर अचानक तलवार, लाठी-डंडों और अन्य हथियारों से हमला कर दिया। स्थिति बिगड़ रही थी और हिंसक भीड़ को नियंत्रित करना हमारे लिए बहुत मुश्किल था।”
Many violent people reached Red Fort suddenly. Drunken farmers or whoever they were, attacked us suddenly with swords, lathis, and other weapons. The situation was worsening and it was too difficult for us to control the violent crowd: Sandeep, Operator of DCP North, Delhi pic.twitter.com/UKVkcKi0QI
— ANI (@ANI) January 27, 2021
किसानों के हमले में घायल हुए मोहन गॉर्डन के SHO बलजीत सिंह ने आक्रामक प्रदर्शनकारियों के रवैए के बारे में बताया, “नजफगढ़ रोड पर हमने बैरिकेड से रास्ता रोका था। किसान प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर नजफगढ़ की तरफ से आए। उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिया और पथराव शुरू कर दिया। वे बहुत हिंसक थे और उनके पास हर तरह के हथियार थे। कई ने शराब भी पी थी।”
नजफगढ़ रोड पर हमने बैरिकेड से रास्ता रोका था। किसान प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर नजफगढ़ की तरफ से आए। उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिया और पथराव शुरू कर दिया। वे बहुत हिंसक थे और उनके पास हर तरह के हथियार थे। कई ने शराब भी पी थी: किसानों के हमले में घायल हुए मोहन गॉर्डन के SHO बलजीत सिंह pic.twitter.com/DLzwYaGe9I
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2021
इसके अलावा कल हुए हिंसा में घायल जवानों की जानकारी देते हुए दिल्ली LNJP अस्पताल के डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि, “कल 22 लोग हमारे अस्पताल में भर्ती हुए। जिसमें 12 पुलिसकर्मी थे, 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं बाकि प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज किए गए। ट्रॉमा सेंटर में 62 पुलिसकर्मी और 2 प्रदर्शनकारी भर्ती थे। ज़्यादातर डिस्चार्ज हो गए, 2 पुलिसकर्मी अभी भी भर्ती हैं।”
कल 22 लोग हमारे अस्पताल में भर्ती हुए। जिसमें 12 पुलिसकर्मी थे, 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं बाकि प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज किए गए। ट्रॉमा सेंटर में 62 पुलिसकर्मी और 2 प्रदर्शनकारी भर्ती थे। ज़्यादातर डिस्चार्ज हो गए, 2 पुलिसकर्मी अभी भी भर्ती हैं: डॉ सुरेश कुमार,LNJP,दिल्ली pic.twitter.com/4Sjbe3JlRL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2021
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने कल हुए हिंसक हंगामे के बाद कई किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, “दिल्ली पुलिस की एफआईआर में (किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में एनओसी के उल्लंघन के लिए) किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम है। FIR में BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है।” इसके साथ ही घटना की तफ्तीश के लिए दिल्ली पुलिस की एक टीम जाँच करने के लिए लाल किले पर पहुँची है।
दिल्ली पुलिस की एफआईआर में (किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में एनओसी के उल्लंघन के लिए) किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम है। FIR में BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है: दिल्ली पुलिस
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दिल्ली: दिल्ली पुलिस की एक टीम जांच करने के लिए लाल किले पर पहुंची। pic.twitter.com/0RMgnvOrRn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2021
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के लाल किले पर गणतंत्र दिवस के दिन किसान दंगाइयों ने खूब उत्पात मचाया था। न केवल तिरंगे का अपमान करते हुए उन्होंने वहाँ सिख झंडा किले से फहराया बल्कि अंदर काफी तोड़फोड़ भी की थी। वहीं आज घटना के सारे नुकसान की तस्वीरें भी सामने आ चुकी हैं। जिसमें किले के अंदर शीशे चकनाचूर पड़े हैं। काउंटर को पलट दिया गया। सारी चीजें तितर-बितर हैं। ये तस्वीर टिकट काउंटर, मेटल डिटेक्टर गेट की हैं। जहाँ टूटे शीशों के अलावा लाल किले में पुलिसकर्मियों की टोपियाँ भी पड़ी हैं।
Delhi: Visuals of vandalised ticket counter, metal detector gate, broken shards of glass and Police caps seen at the premises of Red Fort. pic.twitter.com/4kcR9p1omB
— ANI (@ANI) January 27, 2021
मालूम हो कि किसान ट्रैक्टर रैली के बाद जहाँ लाल किला को काफी हानि पहुँची है, वहीं पूरे आयोजन का सबसे बुरा प्रभाव पुलिसकर्मियों पर पड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 109 से अधिक पुलिसकर्मी इस हिंसा में घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा कि ट्रैक्टर रैली में पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।