साल 2020 में दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के दौरान जाफराबाद में हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने के आरोपित शाहरुख पठान को कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट ने आरोपित की तस्वीर उस दिन घटना में उसकी संलिप्तता और उसके व्यवहार के बारे में बताती हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने शाहरुख की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपित का आचरण जमानत देने लायक नहीं है। यह तीसरा मौका है जब उसकी जमानत याचिका खारिज हुई है। अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश वकील डीके भाटिया ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि पिछले वर्ष 24 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन और मौजपुर चौक के बीच 66 फुट रोड पर एक गुट जाम लगा रहा था। वहीं दूसरा गुट उन्हें जाम लगाने से रोकने का प्रयास कर रहा था। इसी दौरान दोनों गुट भिड़ गए थे और पथराव होने लगा था। इसी बीच कुछ लोग हवा में पिस्तौल लहराते हुए पुलिस कर्मियों पर फायरिंग करने लगे थे।
वजीराबाद पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया ने बहादुरी दिखाते हुए फायरिंग कर रहे दंगाइयों को रोकने का प्रयास किया तो उन पर गोली चला दी गई। किसी तरह झुक कर उन्होंने जान बचाई। फिर भी हाथ में पिस्तौल लिए एक युवक उनकी तरफ बढ़ गया। उन्होंने बताया कि जाँच के दौरान वीडियो के जरिए हेड कॉन्स्टेबल पर पिस्तौल तानने वाले युवक की पहचान अरविंद नगर निवासी शाहरुख पठान के रूप में हुई थी। उसे शामली बस अड्डे से गिरफ्तार किया गया था।
कलीम नामक शख्स ने उसे घर में पनाह दी थी। उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिस कार में शाहरुख पठान फरार हुआ था, वह कार भी शामली के कैराना से बरामद की गई थी। कोर्ट को यह भी बताया गया कि दिसंबर 2019 में शाहरुख ने मेरठ के बाबू वसीम से 35 हजार रुपए में पिस्तौल और 20 कारतूस खरीदे थे।
अभियाेजन पक्ष की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि आरोपित के परिवार का आपराधिक इतिहास रहा है। उसका पिता साबिर अली नशीले पदार्थ के साथ वर्ष 1994 व 1995 में गिरफ्तार हो चुका है। शाहरुख की अम्मी के भी ड्रग तस्करों से ताल्लुकात हैं। साथ ही मौसा भी ड्रग तस्कर है। अभियोजन पक्ष पहले ही साक्ष्य के रूप में वीडियो फुटेज, आरोपित के घर से बरामद पिस्तौल और उसके कपड़े कोर्ट में पेश कर चुका है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
गौरतलब है कि शाहरुख पठान के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 216, 186, 307, 353 और 34 आईपीसी और धारा 25 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) के विरोध में 23 और 24 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे से ठीक पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा हुई थी। इस दौरान जाफराबाद-मौजपुर इलाके में लोगों को भड़काने और पुलिस पर पिस्तौल तानने के आरोपित शाहरुख को यूपी के शामली से 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
हिंसा के दौरान शाहरुख ने जाफराबाद इलाके में 8 राउंड फायरिंग की थी। उसके पास से एक पिस्तौल तथा दो कारतूस जब्त किए गए थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में शाहरुख के घर से पिस्टल और तीन कारतूस बरामद किए थे।