Monday, December 23, 2024
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विस्थापित कश्मीरी पंडितों के नाम पर चंदा वसूल रहे थे शब्बीर और फाजिल: दिल्ली में स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया, गैंग में महिलाएँ भी शामिल

साल 2019 में हरियाणा के फरीदाबाद के एक स्थानीय पत्रकार ने फेसबुक लाइव पर नेशनल स्टूडेंट कैंप के नाम पर अवैध वसूली का जिक्र किया था। इस लाइव में पत्रकार ने संदिग्ध कश्मीरी मुस्लिमों द्वारा फरीदाबाद के अलग-अलग स्थानों से पैसा जुटाने की बात कही थी।

दिल्ली (Delhi) में स्थानीय लोगों ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) के नाम पर घर-घर जाकर रुपए वसूलने वाले गिरोह को पकड़ा है। हैरान करने वाली बात यह है कि वसूली करने वाले कोई और नहीं, बल्कि कश्मीरी मुस्लिमों (Kashmiri Muslim) का ही गिरोह है।

ऑपइंडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, एक महिला समेत 5-6 लोगों का एक गिरोह कश्मीरी पंडितों के नाम पर लोगों से हजारों रुपए वसूल रहा था। इनमें से तीन लोगों को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया है। इसके बाद उन्हें कंझावाला पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस इन लोगों से पूछताछ कर रही है।

मामला समाने आने के बाद ऑपइंडिया ने स्थानीय लोगों से संपर्क किया। मामला नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के कराला गाँव का है। लोगों ने बताया कि कुछ लोग विस्थापित कश्मीरी पंडितों के नाम पर लोगों से चंदा माँग रहे थे। स्थानीय लोगों को जब शक हुआ तो उन्होंने पैसे वसूल रहे 2 लोगों से आई कार्ड दिखाने के लिए कहा।

दोनों संदिग्ध पहचान पत्र दिखाने के नाम पर आनाकानी करने लगे। इससे लोगों का शक और गहरा गया। स्थानीय लोगों ने इन संदिग्धों को रोककर पूछताछ शुरू कर दी। लोगों को संदिग्धों के पास से नेशनल स्टूडेंट कैंप नाम से कई पन्नों की पर्ची मिली। इस पर देनदार के साथ वसूले गए चंदे की रकम लिखी हुई थी।

स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो का स्क्रीन शॉट
स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो का स्क्रीन शॉट

कुछ देर के बाद दोनों कश्मीरियों ने स्थानीय लोगों को अपना आधार कार्ड दिखलाया। आधार कार्ड के मुताबिक, पकड़े गए कश्मीरी में से एक का नाम शब्बीर अहमद खान है, जो कुलगाम के चट्टाबल का रहने वाला है। दूसरे की पहचान फाज़िल अहमद खान के तौर पर हुई है। फाज़िल अनंतनाग के नरसेंगपोरा का रहने वाला है।

इन लोगों के साथ कश्मीरी महिलाएँ भी पकड़ी गई है। मामले में दिल्ली के कंझावला थाने में शिकायत दी गई है। शिकायतकर्ता के अनुसार, 6 लोगों का एक गिरोह है, जो नेशनल स्टूडेंट कैंप के नाम पर लोगों से अवैध तौर पर रुपए वसूल रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने उस पर्ची का भी वीडियो ऑपइंडिया को सौंपा है, जिसमें वसूले गए लोगों के नाम और रकम दर्ज है। पर्ची में दी गई जानकारी के अनुसार, स्थानीय लोगों ने 500 से लेकर 5 हजार रुपए तक की रकम दी चंदा के तौर पर दी है।

लोगों का कहना है कि पुलिस इस बात का पता लगाए कि रकम कहाँ खर्च करने के लिए वसूली जा रही है। लोगों को शक है कि कश्मीर से भगाए गए कश्मीरी पंडितों के नाम पर रुपए जमा करने के बाद इनका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।

स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो का स्क्रीन शॉट

मामले में पुलिस का पक्ष जानने के लिए ऑपइंडिया ने कंझावला थाने से कई बार संपर्क करने की कोशिश की। हालाँकि, थाने की तरफ से फिलहाल कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। शिकायतकर्ता की मानें तो पुलिस ने शुरुआत में टाल-मटोल की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों के दबाव के कारण उन्होंने जाँच की बात कही है।

जानकारी मिली है कि कंझावला थाने में 3 कश्मीरी मुस्लिम युवक और 3 महिलाओं से पूछताछ की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी कई संदिग्ध गाँव में आकर कश्मीरी पंडितों के नाम पर वसूली करते रहे हैं।

साल 2019 में हरियाणा के फरीदाबाद के एक स्थानीय पत्रकार ने फेसबुक लाइव पर नेशनल स्टूडेंट कैंप के नाम पर अवैध वसूली का जिक्र किया था। इस लाइव में पत्रकार ने संदिग्ध कश्मीरी मुस्लिमों द्वारा फरीदाबाद के अलग-अलग स्थानों से पैसा जुटाने की बात कही थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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