हीरालाल गुजराती की उम्र 38 साल थी। तीन बच्चों के पिता थे। चिड़ियों को बेचने का कारोबार कर परिवार को पालते थे। 17 जनवरी 2022 को दिल्ली के सुल्तानपुरी में उनकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप इरफान सिद्दीकी और उसके भाई शानू पर है। दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
दलित हीरालाल का परिवार सुल्तानपुरी के बी ब्लॉक में रहता है। बगल की गली में ही रहने वाला इरफान उनके लिए पराया नहीं था। उनकी माँ को वह बेटे जैसा ही लगता था। लेकिन पहले उसने हीरालाल की बहन से रेप किया। इस मामले में जेल से बाहर आते ही हीरालाल की हत्या कर दी।
इस घटना के शिकायतकर्ता मृतक के हीरालाल के भतीजे अर्जुन हैं। पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया है, “घटना 17 जनवरी शाम लगभग 7.30 बजे की है। हीरालाल पर हमला सुल्तानपुरी के बी 4 कॉलोनी के डाडिया पार्क में हुआ। हीरालाल और नरसिंह पार्क में गए तो वहाँ इरफान और उसका भाई सानू पहले से मौजूद थे। इरफान के हाथ में चाकू और सानू के हाथ में पिस्तौल थी। इरफान ने कहा कि तुमने मुझे रेप केस में जेल भिजवाया था। शानू ने दोनों को मार डालने के लिए उकसाया। इरफान ने चाकुओं से हीरालाल पर हमला कर दिया। शानू ने हीरालाल और उन्हें बचाने गए नरसिंह पर गोली चला दी। हीरालाल को ईंट से भी मारा गया।” हमले के बाद दोनों पीड़ितों को संजय गाँधी अस्पताल ले जाया गया जहाँ हीरालाल को मृत घोषित कर दिया गया। 42 वर्षीय नरसिंह को भी गोली लगी है और उनका इलाज चल रहा है।
मृतक हीरालाल की पत्नी ने ऑपइंडिया को बताया, “इरफ़ान और उसके छोटे भाई शानू ने उनको (हीरालाल) को मार दिया। दोनों ने गोली और चाकू से मार कर वहीं के वहीं उन्हें मार डाला। उसका आतंक गलियों में इतना है कि किसी ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। वो हर किसी को गाली और धमकी देता रहता है। उसने धमकी दी थी कि जेल से छूट कर आने पर वो ईंट से ईंट बजा देगा। वो तारीख पर आता था तो धमकाता था कि मुझे निकलने दो तो देखो क्या हाल करता हूँ सबका।” उन्होंने बताया, “इरफान मेरी ननद के रेप के केस में जेल में बंद था। पहले उसका मेरे घर पर आना-जाना था। मेरी सास ने उसे बेटे की तरह माना था। तब हमने सोचा भी नहीं था कि वो हमारे साथ ऐसा करेगा। वो मेरी ननद को बुलाता था। वो समझ नहीं पाई। बाद में मेरी ननद ने अपनी माँ को बताया तो उसने कुछ भी करने से इनकार किया।”
रेप केस में इरफान को किसने बाहर निकलवाया?
मृतक की पत्नी ने आगे बताया, “मेरी ननद के साथ जबरदस्ती की और किसी से बोलने से मना किया। इरफान ने कहा कि किसी को बताओगी तो तुम्हारे भाई हीरा को मार देंगे। तुम्हारे परिवार को पता नहीं चलना चाहिए कि मैं तुम्हारे साथ क्या कर रहा हूँ। मेरी ननद चुपचाप सब सहती रही।” वे कहती हैं, “रेप की यह घटना लगभग 5 महीने पहले की है। इसी केस में 3 दिन हुए थे इरफान को जेल से छूटे हुए। हमने सोचा भी नहीं था कि छूटने के बाद ये मार देगा। धमकियाँ तो लगातार दी जा रही थी पर हमने सीरियस नहीं लिया। उसने पहले से ही सारी सेटिंग कर ली थी। उसे पता था कि मेरा कुछ भी नहीं होगा। हमें पता नहीं है कि उसकी जमानत किस ने ली। किस ने उसे रेप केस में छुड़वाया। उसे किसी बड़े आदमी का सपोर्ट मिला है तभी वो बाहर आया। आखिर ये कैसे छूट गया?”
हीरालाल की विधवा के सवाल?
हीरालाल की पत्नी बताया, “मेरे पति काफी डरे हुए थे। वे दिल्ली छोड़ कर राजस्थान जाने की बात कहते थे। वे अपने बच्चों की चिंता में हमेशा रहते थे। वो दिल्ली छोड़ने से पहले पैसों के इंतजाम में लगे थे। हत्या करने से पहले उसने मेरे पति को गालियाँ दी। मेरे पति चुप रहे। मुसलामानों की इतनी हिम्मत कैसे हो गई? किसी ने बोला होता तो इतनी हिम्मत न होती। इरफान को फाँसी होनी चाहिए। उसने मेरे छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर दी। अब इन्हें कौन खिलाएगा? अपनी बहन के साथ खड़े होना कौन सा गुनाह है? इसी को गुनाह मान कर इरफान ने मेरे पति को मार डाला।”
एक महिला जिसकी माँग इरफान और उसके भाई ने सूनी कर दी, वे बच्चे जिनके सिर से पिता का साया उठ गया, उनके सवालों, उनकी चीखों का जवाब कौन देगा?